- मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चरण के सफल संचालन को लेकर सदर प्रखंड में सिविल सर्जन ने की बैठक
- लक्ष्य के अनुरूप बच्चों व गर्भवतियों को टीकाकृत करने का दिया गया निर्देश
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में चार अप्रैल से मिशन इंद्रधनुष 4.0 के दूसरे चरण की शुरुआत की जायेगी। जिसके सफल संचालन को लेकर सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सीएचओ, एएनएम व आशा फैसलिटेटर को अभियान के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।
इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त निर्देशों के तहत जिले में तीन चरणों में मिशन इंद्रधनुष 4.0 का संचालन किया जायेगा। जिसमें पहले चरण का सफलतापूर्वक संचालन किया जा चुका है। अब दूसरे चरण के तहत अभियान का संचालन किया जायेगा। उसके बाद 2 मई को तीसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। जिसमें दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओ को कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिये टीकाकृत किया जायेगा। पहले चरण में छुटे हुये बच्चों व गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर टीकाकृत किया जायेगा। बैठक में स्टेट आरआई कंसलटेंट विभीषण झा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह, यूनिसेफ बीएम, बीईई व अन्य शामिल रहें।
योजनाबद्ध तरीके से सभी को टीकाकृत किया जाये :
स्टेट आरआई कंसलटेंट विभीषण झा ने बताया, बच्चों को दिए जाने वाले टीके बीमारियों व उसके प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। इस अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग का यही प्रयास रहता है कि हमारे बच्चे स्वस्थ्य रहें ताकि हमारा समाज स्वस्थ्य रहे। इस क्रम में सभी स्वास्थ्य कर्मियों से सामान्य टीकाकरण से वंचित सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जायेगा। अभियान की सफलता के लिए चिह्नित सत्र स्थलों पर घर-घर घूमकर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का सर्वे करते हुए लक्ष्य निर्धारित किया जाए। तभी योजनाबद्ध तरीके से सभी को टीकाकृत किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं को आवश्यक जांच के साथ आयरन व कैल्शियम की गोलियों के साथ टेटनस व डिप्थीरिया का टीका लगाया जाएगा। वहीं दो साल से कम उम्र के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेटावलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर जैसे टीके दिए जायेंगे।
पंचायत स्तर पर बनाई जाएगी टीकाकरण समिति :
सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया, विभाग से प्राप्त निर्देशों के अनुसार अभियान में कोई भी शिशु छूटे नहीं इसकी योजना बनाई गई है। पंचायत स्तर पर टीकाकरण समिति बनाने तथा पूर्व की रणनीति पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा, ऐसे स्थलों की प्राथमिकता दी जाएगी जहां पर नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं हुआ हो। कम आच्छादन वाले नियमित टीकाकरण सत्र तथा ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत 6 माह में 2 या 2 बार से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया हो। ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत एक वर्ष के अंदर काली खांसी, गलघोटू, खसरे का केस या आउटब्रेक पाया गया हो। इसके अतिरिक्त ईंट-भट्ठा, दियारा क्षेत्र, मलिन बस्ती इत्यादि जहां पर स्वतंत्र रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता हो उन्हें प्राथमिकता सूची में अवश्य कवर करना सुनिश्चित किया जायेगा।
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