- सिंगल नोडल अकाउंट सिस्टम से ही वितरित की जा रही है मरीजों के खाते में राशि
- बीते वर्ष निक्षय पोषण योजना की राशि वितरण में सूबे में नंबर एक पर था भोजपुर
बक्सर/आरा | जिले के सभी इलाजरत टीबी मरीजों के लिए अच्छी खबर है। पिछले कई माह से तकनीकी करणों बाधित निश्चय पोषण योजना के तहत राशि का भुगतान शुरू हो चुका है। जिससे अब इलाजरत टीबी मरीजों को अपने पोषण की चिंता नहीं रहेगी। इसके लिए सरकार ने एक अहम फैसला भी लिया है। जिसके तहत निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाने वाली 500 रुपये की राशि सिंगल नोडल अकाउंट सिस्टम से ही वितरित की जा रही है। पूर्व में निक्षय पोषण की राशि डीबीटी के मद से जाती थी। साथ ही,अब सिंगल नोडल अकाउंट सिस्टम के तहत अब टीबी विभाग के विभिन्न मदों की राशि एक ही खाते में रहेगी। जिससे जिला यक्ष्मा केंद्र के स्तर से खर्च की गयी राशि में पारदर्शिता भी आएगी।
इस साल 2482 टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ :
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया, इस वर्ष एक जनवरी से अब तक टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ है। जिनका इलाज चल रहा है। सिंगल नोडल अकाउंट सिस्टम चालू होने के बाद टीबी मरीजों के खातों में राशि भेजने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन, विभाग ने फिलवक्त 2482 में नोटिफाइड मरीजों को ही राशि का भुगतान करने का फैसला लिया है। जैसे ही इन मरीजों के खाते में राशि भेज दी जाएगी, उसके बाद पिछले के मरीजों की बकाया राशि का भी भुगतान शुरू किया जाएगा। भोजपुर जिले को निश्चय राशि के भुगतान हेतु 77 लाख रुपये आवंटित किये गए हैं जिसमे करीब 9 लाख रुपये का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भोजपुर जिला निक्षय पोषण योजना की राशि वितरण में सूबे में नंबर एक पर था। इस साल भी भोजपुर नंबर एक पर ही रहेगा।
नोटिफिकेशन कराने पर निजी चिकित्सकों को भी मिलती है राशि :
डॉ. सिन्हा ने बताया, सरकार के फैसले के अनुसार 2025 तक टीबी का संपूर्ण उन्मूलन किया जाएगा। इसके लिए सभी को मिल कर काम करना होगा। इसके लिए सरकार राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन के क्रम में कई स्तर पर प्रोत्सान राशि का वितरण भी करती है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों के अलावा निजी चिकित्सकों को टीबी मरीज का नोटिफिकेशन कराने पर 500 रुपये और इलाज पूरा होने या आउटकम मिलने पर 500 रुपये कुल 1000 रुपये की आर्थिक प्रोत्साहन राशि सरकार के द्वारा दी जाती है। ट्रीटमेंट सपोर्टर के रूप में आशा कार्यकर्ता को ड्रग सेंसेटिव फर्स्ट लाइन मरीज की ट्रीटमेंट सपोर्टर के रूप में काम करने पर 1000 रुपये और ड्रग रेजिस्टेंस सेकेंड लाइन मरीज पर 5000 रुपये तक की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से सरकार के द्वारा दी जाती है।
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