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बीते 5 सालों के अपेक्षा डुमराँव में बढ़ा एफआईआर का ग्राफ,इस वर्ष 581 मुकदमे हुए दर्ज,15 किलोमीटर में फैले थाना क्षेत्र में कानून व्यवस्था सम्भालने को तैनात है सिर्फ 14 पदाधिकारी

 


(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- डुमरांव अनुमंडल मुख्यालय के डुमरांव थाना में पांच वर्षों के दौरान इसबार सबसे अधिक मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमों के बढ़ते बोझ के कारण इलाके की विधि-व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। वैसे नयी व्यवस्था के माध्यम से  थानों को मुकदमों के बोझ से उबारने की कोशिश हुई थी। लेकिन इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा  है। इसके पीछे तर्क यह कि जिस रफ्तार से आबादी का विस्तार हुआ,उसके हिसाब से डुमरांव थाना को पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया। परिणामस्वरूप पुलिस बल को हर दिन चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।

थाना के पास है सीमित संसाधनः  

डुमरांव थाना के सीमा की बात करे,तो इसका क्षेत्र लगभग पंद्रह किलोमीटर में फैला हुआ है। अंग्रेजी हुकूमत के समय स्थापित इस थाना में डुमरांव नगर परिषद के शहरी इलाके के सभी वार्ड के साथ लाखनडिहरा, नंदन,कसियां, नेनुआ और अटांव पंचायत शामिल है। इसके अलावा कुशलपुर पंचायत का कुछ भाग थाना क्षेत्र के अधीन आता है। नगर परिषद और पांच पंचायतों की कुल आबादी डेढ लाख से अधिक है। आबादी के विस्तार के बाद भी डुमरांव थाना में बल की संख्या में बढोतरी नहीं हुई है। ऐसे में कानून व्यवस्था को बहाल रखने के लिए हर दिन पुलिस को जद्दोजहद करना पड़ रहा है।

 बढ़ रहा एफआईआर का ग्राफः 

 डुमरांव थाना में प्रति वर्ष एफआईआर का आंकडा पांच सौ के नीचे रहता था । लेकिन पिछले दो  वर्ष के अंतराल में एफआईआर का आकड़ा साढ़े पांच सौ को पार कर गया है। यहां नया भोजपुर ओपी का भी एफआईआर दर्ज होता है। पांच सालों के आकड़ों पर नजर डालने पर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाती है। डुमरांव थाना में वर्ष 2018 में 499, वर्ष 2019 म़े 462,वर्ष 2020 में 482,वर्ष 2021 में 547 और वर्ष 2022 के अंतिम दिन तक 581 मुकदमें दर्ज हुए है। इस साल पिछले वर्ष की तुलना में 34 एफआईआर अधिक दर्ज हुआ है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि लगभग हर माह 48 के आसपास मुकदमा दर्ज हुआ है।

नयी जिम्मेवारी से भी राहत नहीं

डुमरांव थाना में एक इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष,आठ सब इंस्पेक्टर और चार ए.एस.आई पदस्थापित है। नयी व्यवस्था के तहत डुमरांव थाना में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारियों को  अनुसंधान विधि व्यवस्था और मालखाना सहित अन्य जिम्मेवारी सौपी गयी थी। लेकिन क्षेत्रफल और आबादी के अनुरूप बल नहीं होने के कारण नयी व्यवस्था में भी पुलिस पदाधिकारियों को संकट से मुक्ति मिल पायी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि नयी व्यवस्था तभी सफल हो पाएगी,जब संख्या बल उपलब्ध होगा। इधर थानाध्यक्ष बिंदेश्वर राम ने बताया कि फरियाद लेकर आने वाले हर लोगों के साथ न्याय किया गया है। उन्होंने बताया कि उपलब्ध संसाधन में बेहतर पुलिसिंग के साथ विधि व्यवस्था संधारण की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।




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