- आरबीएसके के समन्वय से पटना एम्स में चल रहा है इलाज, जल्द होगी सर्जरी
- बच्ची के नि:शुल्क इलाज के कारण दूर हुई धनजी यादव की आधी चिंता
बक्सर । बच्चे जन्म के साथ घर में खुशियां लाते हैं। लेकिन, जब उन बच्चों को कोई जन्म से ही कोई बीमारी या समस्या हो जाती, जब माता पिता के साथ पूरे परिवार की खुशी क्षणभर में चिंता और परेशानी का सबब बन जाती है। ऐसा ही कुछ हाल जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड रहथुआं निवासी धनजी यादव व उनके परिवार का हुआ। जिनकी बच्ची जन्म से ही न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की समस्या के साथ पैदा हुई। उनकी बेटी का जन्म रघुनाथपुर स्थित सरकारी अस्पताल में हुआ। जहां चिकित्सकों ने जब बच्ची के पीठ पर जख्म देखे, तो उनके हाथ पैर फूलने लगे। लेकिन, वरीय पदाधिकारियों से विमर्श करने के बाद उन्हें मालूम हुआ कि बच्ची की पीठ पर कोई जख्म नहीं, बल्कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के कारण ऐसा हुआ है।
आरबीएस के डीसी ने पीएमसीएच किया रेफर :
धनजी यादव ने बताया कि उनकी बेटी काजल अभी महज 16 दिन की है। बेटी की इस शरीरिक समस्या का पता लगने के बाद घर के सभी लोग काफी मायूस हो गए थे। लेकिन, चिकित्सकों ने उन्हें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के जिला समन्वयक डॉ. विकास कुमार का संपर्क नंबर दिया। जिसके बाद उन्होंने आरबीएसके के डॉ. विकास से फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी। सूचना मिलने के अगले दिन ही डॉ. विकास ने धनजी से संपर्क कर उन्हें जांच कराने के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। जहां से बच्ची को उचित इलाज के लिए पटना एम्स में रेफर कर दिया गया।
चार माह बाद होगी काजल के दिल की जांच :
एम्स के चिकित्सकों ने जांच कर काजल का इलाज शुरू किया। इस दौरान चिकित्सकों ने बताया कि चार माह बाद काजल के दिल की जांच की जाएगी। जिसके आधार पर उसकी सर्जरी की तिथि तय की जाएगी। हालांकि, इस दौरान धनजी के लिए राहत की बात यह है कि बच्ची की इस समस्या का इलाज पूरी तरह नि:शुल्क किया गया और आगे भी किया जाएगा। जिसके कारण उनकी आधी चिंता दूर हो गयी। अब उनका पूरा परिवार काजल के जल्द ऑपरेशन और उसके जल्द ठीक हो जाने की कामना कर रहा है।
दो प्रकार के होते हैं न्यूरल डिफेक्ट्स :
डॉ. विकास ने बताया कि गर्भावस्था के शुरुआती चरण में जब भ्रूण बढ़ने लगता है, तब न्यूरल ट्यूब विकसित होता है। जो आमतौर पर गर्भधारण के दो हफ्तों के भीतर शुरू हो जाता है। यह ट्यूब एक छोटे से रिबन की तरह होता है जो बाद में ब्रेन स्पाइनल कॉर्ड और नसों में विकसित होता है। कुछ वजहों यह न्यूरल ट्यूब सही से विकसित नहीं होता है। इससे ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों के विकास समस्याएं आने लगती हैं। महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करने वाले इस तरह के दोषों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट कहते हैं। इस तरह की स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के पहले महीने में उत्पन्न होती है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से दो प्रकार के न्यूरल डिफेक्ट्स होते हैं -
1. बाइफिडा - इसमें स्पाइनल कॉर्ड में डिफेक्ट्स होता है।
2. एनेनसिफले - इसमें ब्रेन में डिफेक्ट आ जाता है।
ये दोनों ही बीमारी जन्मजात होती है और इन बीमारियों से पूरी तरह से ठीक हो पाना मुश्किल होता है। उन्होंने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स के कई कारण हो सकते हैं, जैसे जेनेटिक्स, न्यूट्रिशन और एनवायरनमेंट फैक्टर। इसके अलावा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स के कुछ लक्षण यथा पैरालिसिस, यूरीनरी प्रॉब्लम, डिफनेस, इंटेलक्चुअल डिसएबलिटी है।
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