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हाथीपाँव के मरीज सर्जरी कराने से बचें: जे. पी.गौतम

 


-सर्वजन दवा सेवन के माध्यम से किया जा रहा है फ़ाइलेरिया से बचाव
सासाराम । फाइलेरिया यानी हाथी पाँव एक लाइलाज बीमारी है। यदि यह बीमारी किसी को हो जाए तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता है, परंतु इस बीमारी को रोकने के लिए प्रयास किया जा सकता है। इसके लिए सरकार फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए लगातार अभियान चला रही है। साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित हो चुके लोगों को बेहतर रखरखाव और स्वच्छता बरतने की सलाह दी जा रही है। वहीं  फाइलेरिया यानी हाथीपांव को लेकर लोगों में अलग धारणा भी देखी जा रही है। लोग इस बीमारी को ठीक कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टरों एवं अपने आसपास के रहने वाले लोगों  के संपर्क में आकर हाथीपांव की  सर्जरी करने के लिए भी भटक रहे हैं| इस झांसे में आकर लोग हांथी पाँव की  सर्जरी भी करवा रहे  और इसका खामियाजा भी भुगत रहे हैं । 
कुछ लोगों के कहने पर करवाई सर्जरी- अरविंद कुमार 
सासाराम के बस्ती मोड़ के रहने वाले 59 वर्षीय अरविंद कुमार हाथी पांव से पीड़ित । लोगों के कहने पर उन्होंने अपने हाथी पाँव की सर्जरी करवाई। बावजूद इसके हाथीपांव ठीक नहीं  हो पाया बल्कि इसके कई उल्टे परिणाम भी देखने को मिले। अरविंद कुमार ने बताया कि 40 वर्ष पूर्व उन्हें फाइलेरिया हुआ था और इसके इलाज पर लाखों रुपये भी खर्च कर डाले किंतु हाथी पाँव ठीक नहीं  हो पाया। उन्होंने बताया कि सासाराम, रांची, कलकत्ता, वाराणसी में इलाज करवया फिर भी कोई फायदा नहीं  हुआ। अरविंद कुमार ने कहा कि कोलकाता स्थित निजी अस्पताल में दिखाने के दौरान सर्जरी कराने की सलाह दी गयी और मैंने वाराणसी के एक निजी अस्पताल में वर्ष 2000 में सर्जरी करवायी । उसके बावजूद भी मेरा पैर ठीक नहीं हुआ बल्कि मेरी तकलीफ और बढ़ गयी।
लोगों से सावधानी बरतने की  कर रहे हैं  अपील-
हाथीपांव से पीड़ित अरविंद कुमार फाइलेरिया को लेकर लोगों से सावधानी बरतने के लिए अपील भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जो भी दवा खिलाने का कार्य किया जाता है उसमें वह अपने साथ अपने पूरे परिवार के सदस्यों को दवा खिलाते हैं । साथ ही उन्होंने लोगों से भी अपील की  है  कि फाइलेरिया से बचाव के लिए जो भी सरकार द्वारा कार्य किए जा रहे हैं इसमें सरकार का सहयोग करें।  ताकि जो दर्द और परेशानी मुझे हो रही है वह औरों को नहीं  हो।
सर्जरी करवाने से बचें -
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जय प्रकाश गौतम ने बताया कि हाथी पाँव को लेकर अभी किसी प्रकार की सर्जरी मौजूद नहीं  है। यदि कोई सर्जरी की सलाह देता है तो इसकी पुष्टि के लिए सदर अस्पताल के फाइलेरिया विभाग से संपर्क कर लें। डॉ. गौतम ने कहा कि एक बार हाथी पांव हो जाने पर वो ठीक नहीं  हो सकता। बल्कि एमडीए अभियान के माध्यम से दवा खिलाकर एवं हल्का व्यायाम एवं स्वच्छता का पालन कर फाइलेरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि पांच साल तक लगातार दवा खायी  जाए तो फाइलेरिया होने का खतरा लगभग समाप्त हो जाता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत अपने पूरे परिवार के सदस्यों को फाइलेरिया से बचाव के लिए लगातार पांच साल तक दवा खिलाएं।



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