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डेंगू के इन लक्षणों को कभी नजरअंदाज ना करें, बिगड़ सकता है मामला- डॉ. आरके सिंह



(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- मानसून के लंबा खिंचने के चलते इस साल डेंगू के मामले भी बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। खासकर डेंगू के कुछ खतरनाक वेरिएंट की वजह से चिंता बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता डेंगू के डीईएनवी-2 वेरिएंट की वजह से है, जिसमें गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं। गौरतलब है कि डेंगू हेमरैजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम इस वायरल बुखार से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो काफी जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। डेंगू बुखार संक्रमित मच्छर एडीज एजिप्टी के काटने से होता है, जिसके वेरिएंट हैं- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2,डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4. इस रोग से बचाव का एक ही उपाय है कि मच्छर ना काटें, इसके तमाम उपाय करके रखें। प्रतापसागर स्थित मेथोडिस्ट हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आर के सिंह ने हिंदुस्तान अखबार को बताया कि कि अगर कोई पहले डेंगू बुखार से संक्रिमित हो चुका है तो भी आप इससे संक्रमित हो सकते हैं। सामान्य तौर पर इस बुखार के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने से 4 से 7 दिनों बाद देखने को मिलता है। इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है, इसलिए बचाव ही सुरक्षा है। कई मामलों में इसके लक्षण बहुत ही हल्के हो सकते हैं। लेकिन, कुछ मामले बहुत ही खतरनाक साबित हो सकते है। उन्होंने बताया कि डेंगू के कुछ मरीजों में किसी भी तरह का कोई लक्षण नहीं दिख सकता है। या कभी-कभी इसका लक्षण ऐसा हो सकता है, जो फ्लू की तरह मालूम पड़े। डेंगू के मरीजों का बुखार अचानक 104 से 106 डिग्री फारेनहाइट तक भी जा सकता है। ज्यादातर लोग हफ्ते भर में ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है, जिससे कुछ मामलों में मृत्यु तक हो सकती है। डेंगू के मामले में जोड़ों और मांसपेशियों में बहुत ज्यादा दर्द बहुत ही ज्यादा थकावट महसूस कर सकते है। यह कुछ मरीजों को इतना कमजोर कर देता है कि चलने और खड़े होने में भी दिक्कत होने लगती है। तथा बुखार आने के 2 से 5 दिनों बाद त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई पड़ सकते हैं और यह डेंगू बुखार का एक विशेष लक्षण है। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। खासकर तेज बुखार के साथ चकत्ते हों तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। यह ऐसा लक्षण है, जिससे डॉक्टरों को डेंगू होने का संदेह फौरन पुख्ता हो सकता है। इसलिए, समय ना गंवाएं और डॉक्टर से जरूर सलाह लें। डेंगू मरीजों में प्लेटलेट काउंट में भारी गिरावट की वजह से मुंह या नाक से खून आना शुरू हो सकता है। आंतरिक रक्तस्राव भी हो सकता है। पेट में बहुत ज्यादा दर्द: डेंगू में मांसपेशियों में दर्द की शिकायत तो आम है, लेकिन इसके साथ ही यदि पेट में भी दर्द होने लगे तो मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए फौरन डॉक्टरी सलाह जरूरी है, जिससे तत्काल उसकी स्थिति के हिसाब से दवा शुरू की जा सके।




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