- पोषण पखवाड़ा के समापन पर कहीं निकाली गई रैली, तो कहीं महिलाओं को दिया गया जल संरक्षण का ज्ञान
- पर्यवेक्षिकाओं, सेविकाओं, सहायिकाओं तथा लाभार्थी महिलाओं व किशोरियों ने ली जल संरक्षण की शपथ
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में सोमवार को राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत आयोजित पोषण पखवाड़ा का समापन किया गया। जिसको लेकर जिले के सभी परियोजनाओं में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिसमें कहीं पर पोषण रैली निकाली गई, तो कहीं पर महिलाओं को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए उनका ज्ञानवर्धन किया गया। ताकि, महिलाएं पोषण के प्रति जागरूक होने के साथ जल संरक्षण के प्रति भी सचेत रहें। इसी उद्देश्य से जिले के सिमरी परियोजना में महिलाओं के लिए 'जल संरक्षण पर महिलाओं की भूमिका' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सिमरी सीडीपीओ संगीता कुमारी ने की। उन्होंने महिलाओं को कहा कि धरती पर पानी अनमोल है, इसके संरक्षण में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने पानी का महत्व, दूषित पानी से होने वाली बीमारियों तथा उसके सामान्य, घरेलू एवं व्यवहारिक समाधान बताए। साथ ही, रसोई में उपयोग में आने के बाद बेकार जाने वाले पानी के महत्वपूर्ण उपयोग की जानकार दी।
महिलाएं जल की प्रमुख उपयोगकर्ता :
सीडीपीओ संगीता कुमारी ने बताया, महिलाएं जल की प्रमुख उपयोगकर्ता होती हैं। वे खाना पकाने, धोने, परिवार की स्वच्छता और सफाई के लिये जल का प्रयोग करती हैं। जल प्रबंधन में उनकी अहम भूमिका होती है। दुनिया भर में तेजी से हो रहे भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिवर्तनों के कारण कई प्रकार की चुनौतियां एवं समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में सरकार अब जल प्रबंधन व संरक्षण समेत अर्थव्यवस्था एवं समाज के सभी क्षेत्रों से जुड़ी नीतियां बनाने में लैंगिक दृष्टिकोण को ठीक से समाहित करने में जुट गई है। घरों, मुहल्लों, सरकारी कार्यालयों में वर्षा का जल इकट्ठा करने, इस्तेमाल करने और उसके प्रबंधन में उनकी महत्त्वपूर्ण सहभागिता के कारण महिलाएं जल संसाधनों की कड़ी हैं और उनके पास जल-संसाधनों की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता, सीमा एवं भंडारण के उचित तरीकों समेत पीढ़ियों से मिला ज्ञान है। साथ ही, वे जल संसाधन विकास एवं सिंचाई की नीतियों तथा कार्यक्रमों को पूरा करने की कुंजी भी हैं।
परिवार और आसपास के लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरुक करें :
सीडीपीओ संगीता कुमारी ने बताया, पोषण के साथ साथ अब महिलाओं को जल संरक्षण के प्रति भी जागरूक और सचेत होना होगा। ताकि, हम अपने बच्चों व उनके बच्चों को एक सुपोषित और हराभरा कल दे सकें। उन्होंने कहा, जल सरंक्षण को लेकर महिलाओं को अब पहले से ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा। महिलाएं अपने परिवार और आसपास के लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरुक करें। उन्हें बताए कि जल सरंक्षण की वर्तमान में क्या भूमिका है। परिवार के सदस्य को व्यर्थ पानी नहीं बहाने दें। कार्यक्रम के समापन के दौरान सीडीपीओ ने सभी पर्यवेक्षिकाओं, सेविकाओं, सहायिकाओं तथा लाभार्थी महिलाओं व किशोरियों को जल संरक्षण करने और इसके लिए परिजनों व अन्य लोगों को जागरूक करने की शपथ भी दिलाई।
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