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प्रजनन दर कम करने के लिए परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल जरूरी : सिविल सर्जन- buxar-news



- जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन मेले का हुआ आयोजन, लाभुकों को किया गया जागरूक
- स्थायी एवं अस्थायी साधनों का इस्तेमाल परिवार सीमित रखने में सहायक, नियोजन की सभी सेवाएं हैं नि:शुल्क उपलब्ध

बक्सर | जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। इस क्रम में 21 सितंबर को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर नियोजन मेला का आयोजन किया गया। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नियोजन मेले  का उद्घाटन किया गया। जहां पर योग्य लाभुकों को परिवार नियोजन के अस्थायी साधन उपलब्ध कराए गए। वहीं, योग्य दंपतियों को नियोजन के स्थायी साधनों के लिए प्रेरित किया गया।

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. अरूण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य की कुल प्रजनन दर तीन है, जबकि बक्सर जिला में यह 3.1 है। परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ प्रजनन दर को दो प्रतिशत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए हर माह की 21वीं तिथि को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर एएनसी जांच के साथ लाभुकों को परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों में कंडोम, अंतरा गर्भनिरोधक सुई, छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, कॉपर टी एवं माला एन गर्भनिरोधक गोलियां उपलब्ध कराई जाती है।

लाभुक चुन सकते हैं अपने पसंद के साधन :

जिला सामुदायिक उत्प्रेरक हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि लाभार्थी अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार परिवार नियोजन के लिए स्थायी एवं अस्थायी साधनों का चुनाव कर सकते हैं। स्थायी साधनों में महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी द्वारा परिवार को सीमित रखा जा सकता है। महिला बंध्याकरण कराने पर उक्त महिला को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जाती है तथा उत्प्रेरक को भी 300 रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई महिला प्रसवोपरांत सात दिनों के अंदर बंध्याकरण कराती है तो महिला को 3000 एवं उत्प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाती है। सिविल सर्जन ने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3000 एवं उत्प्रेरक को 400 रुपये दिए जाते हैं। पुरुष नसबंदी एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है और इससे कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती है। ऐसे में पुरुषों को मिथक व भ्रांतियों को नजरअंदाज कर नसबंदी का चुनाव अनिवार्य रूप से करना चाहिए।



यूपीएचसी के साथ एचडब्ल्यूसी पर लोगों को किया गया जागरूक :
इस संबंध में सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि विभाग के निर्देशानुसार सदर प्रखंड के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ पंचायतों में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर परिवार नियोजन का आयोजन किया गया। जिसमें यूपीएचसी पर नियोजन मेले का उद्घाटन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वीके सिंह ने रिबन काट कर किया। उसके बाद लाभुकों महिलाओं को कॉपर-टी के साथ अंतरा की सुई लगाई गई। वहीं, लाभुकों के बीच नियोजन के अस्थायी साधनों का वितरण करते हुए उन्हें स्थायी साधानों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया गया। लाभुकों को बताया गया कि “छोटा परिवार, सुखी परिवार” महज एक नारा नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कुंजी है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार द्वारा स्थायी एवं अस्थायी सेवाएं लाभुकों को निशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं। जरुरत है कि सभी योग्य दंपत्ति इनके बारे में जागरूक हों और अपने परिवार को सीमित करने के लिए इनका इस्तेमाल करें। मौके पर सीएचओ रौशनी कुमारी के अलावा एएनएम दिव्या कुमार, एएनएम संध्या कुमारी, एएनएम अर्चना सिन्हा आशा व अन्य लोग मौजूद रहे।





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