-जिले में 6 से 59 माह तक के 71.4 % बच्चे हैं रक्त की कमी से ग्रसित
-सामुदायिक स्तर पर उपलब्ध है आयरन सिरप
(बक्सर/भभुआ):- आधुनिकता के इस दौर में आज हर चीज़ आधुनिक होती जा रही जिसका असर खान-पान पर भी होने लगा है। आज के बच्चों को जंक व पैक्ड फूड काफी पसंद आ रहा है। लेकिन, इस प्रकार के खाद्य सामग्रियों से उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जिसके कारण धीरे-धीरे बच्चों में जरूरी पोषक तत्वों की कमी देखी जाती है। जंक व पैक्ड फूड से बच्चों में खून की भी कमी होती है। जिससे वह एनीमिया से ग्रसित हो जाते हैं। जब खून व जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण बीमार होने लगते हैं, तब माता-पिता को इसकी जानकारी होती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-20) के अनुसार जिले में 6 से 59 महीने आयु वर्ग के 71.4 प्रतिशत बच्चे रक्तअल्पता के शिकार हैं । यह बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधक साबित हो सकता है ।
जंक फूड से बनायें दूरी:
आज के बच्चों में जंक फूड के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन कम यानि रक्त की कमी हो जाती है। जिसके अभाव में बच्चे शारीरिक व मानसिक दोनों तौर पर कमजोर हो रहे हैं। यदि बच्चा सुस्त व बीमार रह रहा , पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा और उसकी स्मरण शक्ति बेहद कमजोर हो रही है, तो माता-पिता को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या समुदाय में इसका उपचार कराना चाहिए। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत 6 माह से 59 माह तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार आयरन सिरप की ख़ुराक निःशुल्क दी जाती है।
पीएचसी को उपलब्ध कराए जाते हैं आयरन सिरप :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि एनीमिया से ग्रसित बच्चों का जिले में विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आयरन सिरप मुहैया करायी जाती हैं। प्रथम दो सप्ताह में आशा स्वयं बच्चों को दवा पिलाकर मां को सिखाने का प्रयास करती हैं। प्रथम दो सप्ताह के बाद का खुराक मां द्वारा स्वयं पिलाने तथा अनुपूरण कार्ड में निशान लगाया जाता है। उन्होंने बताया एक खुराक में 1 मिलीलीटर यानि 8-10 खुराक प्रति माह बच्चे को देना होता है। सभी आशा को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सिरप की 50 मिलीलीटर की बोतलें आवश्यक मात्रा में दी जाती हैं ।
अस्पताल जाने के दौरान कोविड-19 के नियमों का करें पालन :
डॉ. चौधरी ने बताया आयरन सिरप के लिए जन्म के प्रथम दो सप्ताह बच्चों को अस्पताल में ले जाना पड़ता है। लेकिन, इस दौरान कोरोनाकाल में संक्रमण से बचने के लिए माता-पिता को जागरूक रहना भी जरूरी है। शिशुओं को आयरन की खुराक दिलाते समय शारीरिक दूरी का पालन करना बेहद जरूरी है। साथ ही, माता-पिता को बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
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