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प्रखंड स्तरीय नीति के तहत राज्य के 23 जिलों में जल्द शुरू होगा प्रखंड स्तर पर नाईट ब्लड सर्वे




सभी के आपसी सहयोग एवं समंवय से होगा फ़ाइलेरिया का उन्मूलन- डॉ. परमेश्वर प्रसाद 

प्रखंड स्तर पर क्वालिटी नाईट ब्लड सर्वे होना आवश्यक डॉ. राजेश पांडेय 
देश के कुल फ़ाइलेरिया प्रभावित जिलों में 11% जिले बिहार से 

पटना । सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया उन्मूलन के लिए संकल्पित है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासनिक स्तर पर जरुरी निर्णय लिए जा रहे हैं. इसी क्रम में राज्य के 23 जिलों के सभी प्रखंड एवं शहरी क्षेत्रों में जल्दी ही नाईट ब्लड सर्वे के द्वारा माइक्रो फ़ाइलेरिया दर को जानने के लिए शुरू किया जायेगा. इस योजना के तहत सभी प्रखंड एवं शहरी क्षेत्र में फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम यह अभियान की सफलता को लेकर आज मंगलवार को पटना के एक निजी होटल में अहम् बैठक हुई जिसमे राज्य के सभी जिलों के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी एवं अन्य चिकित्साकर्मियों ने भाग लिया. बैठक में नाईट ब्लड सर्वे की सफलता को लेकर रणनीति बनायी गयी और इसपर विस्तार से चर्चा की गयी. 
सभी के आपसी सहयोग एवं समंवय से होगा फ़ाइलेरिया का उन्मूलन- डॉ. परमेश्वर प्रसाद:
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि फ़ाइलेरिया किसी भी इंसान को ग्रसित कर सकता है और इससे बचाव का सबसे सशक्त जरिया सामुदायिक स्तर पर जनमानस को जागरूक करना है. स्वास्थ्य विभाग एवं सहयोगी संस्थाओं के आपसी समंवय एवं सहयोग से यह कार्य कर हम राज्य से फ़ाइलेरिया का उन्मूलन कर सकते हैं. डॉ. प्रसाद ने बताया कि देश की कुल मरीजों की संख्या में बिहार से 11 % मरीज आते हैं. सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को फ़ाइलेरिया की दवा खिलाकर लोगों को फ़ाइलेरिया के खतरे से सुरक्षित किया जा सकता है. 
प्रखंड स्तर पर मरीजों को चिन्हित कर दवा सामने खिलायें स्वास्थ्यकर्मी- डॉ. राजेश पांडेय 
बैठक को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य समन्वयक, नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज एवं मुख्य वक्ता डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि अभी तक हम जिला स्तर पर 8 चिन्हित साईट पर नाईट ब्लड सर्वे कर माइक्रो फ़ाइलेरिया रेट का पता लगाते हैं. किन्तु भारत सरकार के एनसीवीबीडीसी विभाग के द्वारा दी गयी गाइडलाइन के अनुसार अब ब्लाक एवं शहरी क्षेत्र के स्तर पर नाईट ब्लड सर्वे के द्वारा माइक्रो फ़ाइलेरिया दर का पता लगाकर प्रदेश के सभी प्रखंड एवं शहरी क्षेत्रों की रीमैपिंग करेंगे और इसके आधार पर प्रखंड एवं शहरी स्तर पर सर्व जन दवा सेवन तथा ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे किया जायेगा. डॉ. पांडेय ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण  नाईट ब्लड सर्वे रीमैपिंग की क्वालिटी सुनिश्चित करना ही प्रखंड स्तर क्वालिटी रीमैपिंग को सुनिश्चित करेगा. सघन निरिक्षण को और मजबूती से संपादित करना जरुरी है जिससे संक्रमण की दुबारा उत्पत्ति पर नजर रखी जा सके. छोटी आबादी में इस तरह के कार्य को संपादित करना ज्यादा बेहतर परिणाम देगा.
केयर इंडिया के वीएल/एलएफ कार्यक्रम के टीम लीड विकास सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रखंड स्तर तक नाईट ब्लड सर्वे को सफल बनाने के लिए सभी को मिशन मोड में काम करने की जरूरत है और इसमें प्रशासनिक सहयोग से कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद मिलेगी।
23 जिलों में होगा नाईट ब्लड सर्वे का कार्यक्रम:
राज्य के 23 जिलों में यह अभियान चलाया जायेगा. ये जिले हैं सिवान, सुपौल, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, कैमूर, कटिहार, भागलपुर, बेगुसराय, सारण, सहरसा, खगड़िया, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, सिवान, पश्चिमी चंपारण, जमुई, बांका, औरंगाबाद, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, गया एवं अरवल. जल्दी ही इन सभी जिलों में नाईट ब्लड सर्वे का कार्य संपादित किया जायेगा. 
कार्यक्रम में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद, राज्य समन्वयक, नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज डॉ. राजेश पांडेय, डॉ. कैलाश, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से डॉ. अमोल पाटिल पीसीआई की तरफ से रणपाल सिंह एवं अनूप सोनी, केयर इंडिया की तरफ से विकास सिन्हा, टीम लीड वीएल, एलएफ एवं संस्थान के अन्य प्रतिनिधि,  सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार, राज्य फ़ाइलेरिया सलाहकार डॉ. अनुज रावत सहित कई चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे.



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