(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में वैक्सीनेशन के महाअभियान में अब लोगों की सहभागिता बढ़ने लगी है। जिसका मुख्य कारण है जिले में चलाया गया व्यापक जागरूकता अभियान। जिसकी बदौलत ही वैक्सीन के प्रति समाज में फैले भ्रांतियों व अफवाहों को विभिन्न स्तरों से दूर किया जा सका है। अब इस महाअभियान में समाज के हर वर्ग के लोग और समुदाय में जागरूकता बढ़ी है। लोगों में वैक्सीन के प्रति बढ़ती समझ का नतीजा ही है कि आज हर मोहल्ले व गांव में वैक्सीनेशन के लिये सत्र संचालन के दौरान वैक्सीन कम पड़ जा रही हैं। जिसके बाद स्थानीय लोग स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों से संपर्क कर उनके मोहल्ले में दोबारा सत्र आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति वैक्सीनेशन के महाअभियान के पहले दिन तुर्कपुरवा में देखने को मिली । जहां लोगों के उत्साह व सहभागिता के कारण वैक्सीन कम पड़ गयी और उसके बाद लोगों ने और वैक्सीन मंगाने की बात कही। गौरतलब है कि बीते माह से जिला मुख्यालय समेत अन्य प्रखंडों के अल्पसंख्यक बाहुल मोहल्लों में भी वैक्सीन के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है। जिसके कारण लोग टीका लेने के लिये बड़ी संख्या में सत्र स्थलों पर जुटने लगे हैं।
सभी अल्पसंख्यक भाई अनिवार्य रूप से लें टीका :
जिला सुन्नी वक्फ बोर्ड के जिलाध्यक्ष डॉ. तौफिक खान ने बताया, पूर्व में जानकारी के अभाव में लोग टीका लेने से हिचकते थे। लेकिन, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों और जिले के सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स की कड़ी मेहनत रंग लाई। जिसकी बदौलत वैक्सीनेशन का ग्राफ दिनप्रतिदिन बढ़ रहा है। डॉ. तौफिक खान ने जिले के सभी अल्पसंख्यक समुदाय के भाइयों से आगे आकर वैक्सीनेशन कराने की अपील की है । उन्होंने कहा, वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। जिसका कोई भी बड़ा साइड इफेक्ट नहीं है। वैक्सीन लेने के बाद ही संक्रमण के संभावित खतरे से आपके और आपके परिवार के लोगों का बचाव हो सकेगा। कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन ही एक मात्र कारगर उपाय है।
राज्य सरकार के निर्णय के बाद चलाया गया जागरूकता अभियान :
डॉ. तौफिक खान ने बताया, वैक्सीनेशन के प्रति फैली भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करने के लिये सरकार के निर्णय के बाद जिलाधिकारी अमन समीर के नेतृत्व में सभी धर्मगुरुओं की बैठक हुई थी। जिसके बाद समाज में फैली अफवाहों व भ्रांतियों को दूर करने के लिये व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी घर-घर जाकर, व्हाट्सऐप संदेश व गृह भ्रमण कर टीकाकरण के लिये प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया, जागरूकता अभियान चलाने के कारण न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं और अल्पसंख्यक समुदाय की निर्धारित उम्र की बहु-बेटियां भी वैक्सीन लेने के लिये आगे आयीं। जो समाज को सुरक्षित रखने की दिशा में एक कारगर कदम है।
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