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संतुलित जीवन-शैली स्ट्रोक में लाता है कमी- adhunik jivan





(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):- आधुनिक जीवन शैली में तनाव हर जगह व्याप्त है तथा स्ट्रोक (आघात) इसके प्रमुख दुष्परिणामों में आता है। आज हर इंसान आगे बढ़ने की दौड़ में है तथा इसके परिणामस्वरूप अपनी सेहत को नजरंदाज करना आम बात हो गयी है। स्ट्रोक के लक्षणों की जानकारी न होना स्थिति को और चिंताजनक तथा जटिल बनाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध के अनुसार स्ट्रोक के उपचार की जगह इससे बचाव पर अधिक बल देने की जरूरत है। स्ट्रोक आने पर दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाती है। इससे ब्रेन सेल्स को काफी नुकसान पहुंचता एवं कभी-कभी तो ब्रेन सेल्स मर भी जाते हैं। जिससे पैरालिसिस एवं गंभीर स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है। अत्यधिक ध्रुम-पान, शराब का सेवन एवं ख़राब जीवन-शैली स्ट्रोक के कारण होते हैं। संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। विगत कुछ सालों में नव-युवक भी स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। किशोरवस्था बदलाव का समय होता है जिसमें शारीरिक एवं मानसिक विकास काफ़ी तेजी से होता है। इस दौरान ख़राब जीवन-शैली, ध्रूम-पान एवं शराब सेवन जैसी आदतों से बचने की जरूरत होती है। बेहतर जीवन-शैली एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण: 
स्ट्रोक (आघात) से कोई भी किसी भी समय पीड़ित हो सकता है। विश्व स्ट्रोक संस्थान के अनुसार स्ट्रोक मृत्यु के कारणों में दूसरा सबसे बड़ा कारण है। विश्व भर में लगभग एक साल में लगभग 1.45 करोड़ लोग स्ट्रोक से ग्रसित होते हैं, जिसमें लगभग 55 लाख लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है। विश्व भर में लगभग 8 करोड़ लोगों ने स्ट्रोक से जंग जीती है। 90 प्रतिशत स्ट्रोक के मामलों में बचाव संभव है। बेहतर जीवन-शैली एवं शराब सेवन से दूरी बनाकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।  
शुरुआती लक्षणों से बचाव में आसानी: 
सिविल सर्जन डॉ. ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया स्ट्रोक एक जटिल मेडिकल समस्या है लेकिन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों के आधार पर इससे बचाव संभव है। लक्षण नजर आते ही अविलंब चिकित्सक की सलाह लें और याद रखें जरा सी देरी जानलेवा साबित हो सकती है। ख़राब जीवन-शैली, ध्रूम-पान  एवं शराब सेवन जैसी आदतों से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। बेहतर जीवन-शैली एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

ये हैं लक्षण:
- चेहरे का एक तरफ मुड़ने लगना
- किसी एक बांह में दर्द का होना 
- आवाज लड़खाड़ने लगना या बोलने में तकलीफ होना

स्ट्रोक से बचाव के उपाय: 
- उच्च एवं अत्यधिक कम रक्त दबाव स्ट्रोक के कारण होते हैं, इसे नियंत्रित रखें 
- अत्यधिक मोटापा को कम करें, शरीर में वसा संग्रहण नहीं होने दें 
- नियमित व्यायाम करें 
- लक्षण दिखाई देने पर, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें


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