- सदर प्रखंड में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा अंतर्गत परिवार नियोजन मेले का हुआ शुभारंभ,चार दिसंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का होगा संचालन
- पुरुष निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखायेंगे भागीदारी थीम पर चलाया जाएगा अभियान
बक्सर | आज पूरे विश्व की जनसंख्या आठ मिलियन से अधिक हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1.4 बिलियन से अधिक लोग रहते हैं। यह संख्या भारत को दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश बनाता है। जनसंख्या बढ़ोत्तरी आज की एक गंभीर समस्या बन चुकी है। ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग जनसंख्या स्थिरीकरण के अंतर्गत परिवार नियोजन को बढ़ावा दे रही है। जिसमें हम सभी को आगे आकर सरकार और विभाग का साथ देना होगा। उक्त बातें सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित परिवार नियोजन मेले के उद्घाटन के दौरान कहीं। डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन की दिशा में केवल महिलाएं ही आगे रही हैं। लेकिन, लोगों को यह समझना होगा कि परिवार केवल महिलाओं से नहीं चलता। उसमें पुरुषों की भी भागीदारी होती है। ठीक उसी प्रकार परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ने से ही जनसंख्या स्थिरीकरण का उद्देश्य पूरा होगा।
नियोजन के स्थायी साधनों के प्रति किया जाएगा उत्प्रेरित :
परिवार नियोजन के संबंध में बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह ने बताया, इस वर्ष "अब पुरुष निभायेंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखायेंगे भागीदारी" थीम पर मिशन परिवार विकास एवं पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में 14 से 20 नवंबर तक दंपति संर्पक पखवाड़ा का संचालन किया गया। वहीं, 21 नवंबर से चार दिसंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का संचालन होगा। इस दौरान परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुष नसबंदी तथा महिला बंध्याकरण ऑपरेशन किया जायेगा। लभार्थी को एएनएम, आशा, सेविका, जीविका दीदी व विकासमित्र द्वारा उत्तप्रेरित किया जायेगा। जिसमें पुरुष नसबंदी हेतु लभार्थी को 3000 रुपए उत्तप्रेरक को 400 रुपए दिए जाते हैं । महिला बंध्याकरण आपरेशन में लभार्थी को 2000 रुपए व उत्तप्रेरक को 300 रुपए दिए जाते हैं ।
किसी भी किस्म की नहीं आती शारीरिक कमजोरी :
परिवार नियोजन के लिए पुरुषों को ही आगे आना चाहिए। पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है। पुरुषों के लिए नसबंदी एक मामूली ऑपरेशन है। जिस दौरान कोई चीर फाड़ नहीं की जाती और न ही कोई टांका लगाया जाता है। ऑपरेशन से एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता । नसबंदी ऑपरेशन के बाद किसी भी किस्म की शारीरिक कमजोरी नहीं आती, यह सिर्फ वहम हैं। यह महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन के मुकाबले हर पक्ष से अपनाना आसान है। ऑपरेशन करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और एक बच्चा होना जरूरी है।
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