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पराली से बायोमास बनाने के लिए प्लांट स्थापित करने को एनटीपीसी ने किसानों को किया उत्प्रेरित



एनटीपीआई सह बीएयू द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में बायोमास पर हुई चर्चा। पराली से बायोमास बनाने को प्लांट की जरूरत पर दिया गया बल। 

बक्सर। कोयला आधारित ताप संयंत्रो में फसल अवशेष पराली(पुआल) से बनाए गए बायोमास पैलेट्स के उपयोग बिषय पर शुक्रवार को डुमरांव स्थित कृषि कालेज के प्रांगण मे आयोजित किसान जागरूकता सम्मेलन सह क्षमताबर्द्धन कार्यशाला में चर्चा की गई। नेशनल विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान,दुर्गापुर सह बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जागरूकता सम्मेलन का उद्घाटन बीएयू के कुलपति डा.अरूण कुमार, एनटीपीसी के कार्यपालक निदेशक सह बायोमास मिशन के निदेशक सुदीप नाग, एनटीपीआई के निदेशक ए.के.श्रीवास्तव एवं एनटीपीसी पटना मुख्यालय के जीएम जे.साहू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। 
इस मौंके पर कुलपति डा.कुमार नें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सूबे के किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए सदैव तत्पर रहा है। कुलपति ने किसानों से फसल अवशेष पराली को जलाने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाने से हानिकारक गैंसो का उत्सर्जन होता है। उन्होनें केन्द्र सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा कोयला आधारित ताप संयंत्रो में पराली से बनाए गए बायोमास का उपयोग करने की दिशा में स्थापित नेशनल मिशन पर प्रसन्ता व्यक्त की और कहा कि पराली अभिशाप नहीं बल्कि आने वाले दिनों में किसानों के धन उपार्जन का साधन बनेगा। उन्होनंें कहा कि हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कई जिले में किसानों द्वारा पराली से बायोमास पैलेट्स बनाए जाने को प्लांट की स्थापना की गई है। वहां प्रति एकड़ एक टन बायोमास का उत्पादन होता है। बायोमास की खरीद एनटीपीसी द्वारा की जाती है।
एनटीपीसी के कार्यपालक निदेशक सह बायोमास मिशन के निदेशक डा.नाग ने बिहार सरकार द्वारा पराली जलाए जाने पर किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के निर्णय पर बिना टिप्पणी किए कहा कि पराली जलाना काफी नुकसानदायक है। उन्होनें कहा कि एनटीपीसी ने कोयला आधारित ताप संयंत्रो मे शुरूआती दौर में 10 फीसद पराली से बनाए गए बायोमास ईंधन का उपयोग करने की नीति बनाई है। उन्होने कहा कि देश के किसानो के आर्थिक विकास एवं कोयला की कमी को देखते हुए पराली से निर्मित बायोमास ईंधन का उपयोग ताप संयंत्रो में करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होनें कहा कि पराली से बायोमास बनाए जाने के लिए किसानो के माध्यम से प्लांट की स्थापना करने की दिशा में राज्य सरकार को कदम बढ़ाने की जरूरत है। बायोमास प्लांट की स्थापना होने के बाद किसान पराली जलाने से परहेज करेगें और उन्हे आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
सम्मेलन को अन्य वक्ताओं मे बीएयू के अधिष्ठाता डा.राजेश कुमार, एनटीपीसी पटना के जीएम जे साहू एवं एनटीपीआई के कार्यपालक अभियंता सह बायोमास मिशन सदस्य एस.के.अरजुरिया आदि ने संबोधित किया। आगत अतिथियों सहित किसानो का स्वागत कृषि कालेज के प्राचार्य डा.रियाज अहमद एवं कृषि अभियंत्रण कालेज के प्राचार्य डा.जे.पी.सिंह ने किया। स्वागत गीत कालेज की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत की गई। संचालन कालेज की वैज्ञानिक डा.प्रियंका कुमारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डा.आर.एन.सिंह ने किया। 
इसके पूर्व विश्वविद्यालय के कई वरीय अधिकारियों संग कुलपति डा.अरूण कुमार ने कृषि कालेज डुमरांव परिसर में 3 सौ टन क्षमता के नवनिर्मित बीज भंडार भवन एवं उद्यान विभाग द्वारा नवनिर्मित उद्यानिकी पोली हाउस एवं शेड नेट का उद्घाटन किया। मौके पर डा.एसआरपी सिंह, डा.प्रकाश सिंह, आईआरएसी पटना के डा.बिनोद कुमार सिंह, वैज्ञानिक डा.आनंद कुमार जैन,डा.मणीभूषण ठाकुर, वैज्ञानिक डा.सुदय प्रसाद, एसी नरेन्द्र कुमार राम, कृषि व कृषि अभियंत्रण कालेज प्राचार्य द्वय डा.रियाज अहमद, डा.जेपी सिंह एवं सहायक प्राध्यापक डा.बिनोद कुमार सिंह आदि मौजूद थे। 
इसी कड़ी मे जारी सम्मेलन के दरम्यान कृषि कालेज सह धनगाई वनस्पतिक शोध केन्द्र के प्रभारी सह चर्चित वैज्ञानिक डा.प्रकाश सिंह के दिशा निर्देशन में रोहतास जिला कृषि सोनाचूर उत्पादक संघ द्वारा उत्पादित सोनाचूर व ब्लैक राईस का नमूना मंचासीन कुलपति सहित एनटीपीसी, एनपीटीआई एवं विवि के कई अधिकारियों को भेंट किया। वैज्ञानिक डा.प्रकाश सिंह की मेधा पर मंचासीन अधिकारियों द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई।



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