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दो वर्ष से अधिक उम्र के घर-घर जाकर की जा रही कुष्ठ की जांच




- 17 अक्टूबर तक जिले में सघन रूप से चलाया जा रहा है कुष्ठ रोगी खोजी अभियान
- अभियान के सफल संचालन के लिए प्रतिनियुक्त की गई है 1429 सदस्यीय टीम

बक्सर | जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत आगामी 17 अक्टूबर तक घर घर जा कर कुष्ठ के नए रोगियों की खोज की जा रही है। जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, अभियान को लेकर जिले की कुल 2190595 आबादी को लक्षित किया गया है।  एक हजार की आबादी पर एक टीम बनाई गई है। इसके लिए 1429 टीम को लगाया गया है। साथ ही, अभियान में 71 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं, जो कि अभियान की  मॉनिटरिंग करेंगे। टीम में एक पुरुष और एक महिला (आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविका) को रखा गया है। पुरुष की जांच पुरुष करेंगे, जबकि आशा  महिला की जांच  करेंगी। महिला सदस्य के रूप में आशा कार्यकर्ता या फिर आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका का चयन किया गया है। टीम के सदस्यों के द्वारा 254365 घरों का सर्वे करना है। 
 मरीज मिलने पर नजदीकी  स्वास्थ्य केंद्र पर होगा इलाज :
डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि अभियान के दौरान टीम के सदस्य यदि किसी के शरीर पर दाग या धब्बा पाए जाने पर  उनसे तीन सवाल करेंगे। पहला सवाल, यह होगा कि दाग जन्म से तो नहीं है। दूसरा सवाल, होगा दर्द भी करता  और तीसरा सवाल, होगा खुजलाहट होती है या नहीं। अगर कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिले तो उसकी जांच की जाएगी। जांच में अगर कुष्ठ होने की पुष्टि होती है तो स्थानीय सरकारी अस्पताल में उसका इलाज कराया जाएगा। अगर मामला गंभीर हुआ तो जिला कुष्ठ निवारण समिति में उस मरीज को रेफर करने का निर्देश दिया गया है। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल और अनुमंडल अस्पताल के साथ सदर अस्पताल व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ रोगियों के इलाज की व्यवस्था है। 
गंभीर कुष्ठ रोगियों को किया जाता है रेफर :
डुमरांव प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आरबी प्रसाद ने बताया, अभियान के दौरान अगर कोई ज्यादा गंभीर मरीज मिलता है, तो उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा जाएगा। इलाज में मरीज को किसी भी तरह का खर्च नहीं आएगा। साथ ही इलाज के दौरान उन्हें जो आर्थिक नुकसान होगा, उसकी भरपाई के लिए आठ हजार रुपये सहायता राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज जो कि कुष्ठ होने की वजह से कोई भी काम करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें 15 सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन भी प्रशासनिक स्तर पर दिया जाता है। डॉ. आरबी प्रसाद ने लोगों से अपील की है  कि इस अभियान में अपना सहयोग देकर डुमरांव प्रखंड के साथ बक्सर जिला को कुष्ठ से मुक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।




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