(पटना)- आज दिनांक 17.8.22 को राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के सभागार में स्टेट टीबी फोरम की द्वितीय बैठक सचिव, बिहार सरकार की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में टीबी संबंधित महत्वकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधित रूप-रेखा तैयार की गयी एवं सामाजिक सहभागिता के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया. उक्त बैठक में कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार संजय कुमार सिंह वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बिहार बनाने के लिए विभिन्न आयामों पर निदेशित किया गया. अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, केशवेन्द्र कुमार, परियोजना निदेशक, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति अंशुल कुमार द्वारा अपना मंतव्य दिया गया.
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा द्वारा दिया गया प्रस्तुतीकरण:
डॉ. बी.के.मिश्रा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा, बिहार ने इस बैठक में सदस्य सचिव के रूप में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम पर अपनी प्रस्तुति पेश करते हुए निर्धारित लक्ष्यों की उपलब्धियों एवं आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला.
सहयोगी संस्थाओं से माँगा गया सहयोग:
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम सामाजिक सहभागिता की जरुरत अतिअवाश्यक जान पड़ती है. इस विषय पर सहयोगी संस्थाओं- आई.एम.ए, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, केयर इंडिया, चाई, क्लिंटन फाउंडेशन, रीच, केएचपीटी, एसटीएसयू के प्रतिनिधियों द्वारा टीबी नोटीफीकेशन बढ़ाने के लिए सहयोग की नीतियों पर चर्चा की गयी.
“बचपन बचाओ आन्दोलन” के मोख्तारुल हक बाल मजदूरी को सीधा टीबी से जोड़ा और बैठक में शामिल लोगों से इसके लिए जागरूकता बढ़ाने की अपील की. स्टेट टीबी फोरम के महत्वपूर्ण आयाम “रैसड हैंड फॉर टीबी चैंपियंस” को साकार करने के लिए टीबी चैंपियंस ने अपने अनुभव को साझा किया.
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