(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जब आम आदमी पर अत्याचार होता है तो वह सरकार व न्यायालय की तरफ न्याय की उम्मीद भरी नजरों से देखता है लेकिन, वही जब सराकरी सिस्टम में बैठे बाबुओ पर पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया न कराते हुए आरोपियों को बचाने का आरोप लगने लगता है तो फिर न्याय व्यवस्था से लोगों का भरोसा उठने लगता है।
ऐसा ही एक मामला जिले के कृष्णब्राह्म थाना क्षेत्र से सामने आया है जिसमें एक रिटायर्ड फौजी जिसका नाम धर्मेंद्र पाल, पिता- महेंद्र पाल, ग्राम- धरहरा है आपको बता दें कि इसी वर्ष 8 अप्रैल को धर्मेंद्र पाल को उस वक्त अपराधियों ने गोली मारकर घायल कर दिया जब वे अपने बच्चों के लिए पुस्तक खरीद कर स्थानीय बाजार से घर लौट रहे थे। हालांकि, गोली दाहिने हाथ में लगी थी जिसके चलते धर्मेंद्र की जान बच गई। वही इस मामले में पीड़ित के द्वारा स्थानीय थाना में वशिष्ठ कुशवाहा, प्रदीप कुशवाहा तथा सन्तोष पाल को नामजद आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। हालांकि, अब यह मामला ठंडा बस्ता में चला गया है जिसे पीड़ित परिवार पुलिस की लापरवाही बता रहा है।
पीड़ित की पत्नी सीता देवी ने कहा कि उनके पति ने देश की रक्षा में अपना पूरा जीवन गुजार दिया वही आज अपने ही गाँव में असुरक्षित महसूस कर रहा है। जो देश के लिए निंदनीय है। उनका कहना है कि सभी नामजद आरोपियों के द्वारा उनके पति समेत पूरे परिवार को जान से मारने की बार बार धमकियां दी जा रही है जिससे उनका परिवार का आजादी छीन गया है और वे लोग दहशत में जी रहे है। उनका कहना है कि इस मामले में थाना पुलिस द्वारा ना तो कोई एक्शन नही लिया जा रहा है और नाही किसी अभियुक्त को पकड़ा जा रहा है। वही दोनो पति- पत्नी इसको लेकर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह से मिलकर न्याय की गुहार लगाए है जहाँ एसपी ने सात दिनों में आरोपियों की गिरफ्तारी किये जाने का आश्वासन दिया है।
बहरहाल, इस मामले में कृष्णब्राह्म थानाध्यक्ष सन्तोष कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने अनुसंधान का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया जबकि, एएसपी श्रीराज ने भी जांच होने की बात कही। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि देश की सेवा में जीवन गुजार कर घर लौटे रिटायर्ड फौजी को कबतक बक्सर पुलिस से न्याय मिलता है।
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