बक्सर । रविवार को संध्या रामरेखा घाट पर राष्ट्रीय नदी दिवस की पूर्व संध्या पर भजन- संध्या, विचार-गोष्ठी व महाआरती का आयोजन गंगा समग्र के द्वारा आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि 4 नवम्बर, 2008 को भारत सरकार ने पतित पावनी माँ गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया था। इस अवसर पर पूरे देश मे गंगा समग्र द्वारा विविध कार्यक्रम ‘गंगा-महोत्सव’ के रूप में मनाया रहा है।
गंगा महोत्सव कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह, क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख राणा प्रताप, क्षेत्र प्रचार-प्रमुख राजेश पांडेय, प्रान्त कार्यवाह राजेन्द्र प्रसाद, प्रान्त प्रचारक उमेश प्रसाद, प्रान्त सेवा प्रमुख अंजनी कुमार शुक्ल, भोजपुर विभाग प्रचारक राणा प्रताप उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक गंगा समग्र दक्षिण बिहार प्रांत संयोजक व राष्ट्रीय आरती आयाम प्रमुख शम्भू नाथ पांडेय थे।
आगत सभी अतिथियों को अंग वस्त्र से स्वागत शम्भू नाथ पांडेय व जिला संयोजक अजय वर्मा द्वारा किया गया। डॉ. मोहन सिंह ने गंगा समग्र द्वारा राष्ट्रीय नदी दिवस की पूर्व संध्या की बेला में आयोजित नदी महोत्सव के कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। नदियों की अविरलता, निर्मलता व स्वच्छता के लिए नमामि गंगे कार्य कर रहा है। इसके साथ समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा नही तो हमारी सभ्यता व संस्कृति की प्रतीक नदियां विलुप्त हो जाएगी। धरती को पर्यावरण असन्तुलन से बचने के लिये नदियों व जल को बचाना होगा।
राणा प्रताप ने कहा कि पर्यावरण संतुलन से बचने के लिए नदियों को स्वस्थ्य रखना पड़ेगा। राजेश पांडेय ने कहा कि गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं के द्वारा समाज जागरण का जो ये कार्यक्रम किया जा रहा है। प्रान्त प्रचारक उमेश प्रसाद ने गंगा समग्र के द्वारा किये जा रहे भगीरथ प्रयास की भरी-पूरी प्रशंसा की। राजा भगीरथ ने मां गंगा को धरती पर लाये उसी तरह से स्वयंसेवकों के साथ समाज के द्वारा भी उसकी निर्मलता,स्वच्छता व अविरलता का भगीरथ प्रयास निरंतर चलते रहना चाहिए। इससे प्रकृति प्रदत जो बाधाएं है वो दूर होंगी। राजेन्द्र प्रसाद ने भागीरथी गंगा को भागीरथी की तरह सहेज कर रखना सनातन संस्कृति के लोगों का धर्म है।
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