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शाहाबाद महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने को माँ शिवरात्रि हॉस्पिटल में आयोजन समिति की हुई बैठक- buxar-bihar


बक्सर । गंगा तट पर स्थित विश्वामित्र की तपोभूमि बक्सर शाहाबाद की सांस्कृतिक राजधानी है और यहां के विद्वत समाज तथा निवासी उसे संजोए रखने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे हैं। ऐसी पुण्य भूमि पर आगामी 16 नवंबर को किला मैदान में आयोजित शाहाबाद महोत्सव ऐतिहासिक होगा। उक्त बातें शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक अखिलेश कुमार ने आज अहिरौली मोड़ स्थित मां शिवरात्रि हेल्थ हॉस्पिटल में आयोजित बैठक में कही‌ उन्होंने कहा कि शाहाबाद की मिट्टी से उर्वरा को भूमि नहीं है। 



यहां के मिट्टी से उत्पन्न लोग आज शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, कला संस्कृति, राजनीति आदि क्षेत्रों में देश-दुनिया में अपनी डंडा बजा रहे हैं। सतयुग से लेकर आधुनिक काल तक का इसका इतिहास गौरवशाली रहा है, और अपने ऐसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर गर्व होना स्वाभाविक है। बैठक को संबोधित करते हुए डॉ आशुतोष सिंह ने कहा कि अपने गौरवशाली विरासत को सहेजते हुए इससे नई को रुबरु कराने का दायित्व भी वर्तमान पीढ़ी का है और इसी को केन्द्र में रखकर पिछले पांच वर्षों से शाहाबाद महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष बक्सर किला मैदान में आगामी 16 नवंबर को महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजनीति, कला संस्कृति, नृत्य संगीत, साहित्य, प्रशासनिक आदि क्षेत्रों में अपनी महती भूमिका निभाने वाले लोग शामिल होंगे।




बैठक को संबोधित हुए ग्राम रक्षा दल के प्रदेश महामंत्री कमलेश राय  ने कहा कि अपने विरासत को याद करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित होने वाले इस महोत्सव के सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। खासकर कैमूरांचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं है, साथ हीं आदीमकाल से हीं यहां मानव सभ्यता का प्रमाण विराजमान है। वहीं विक्रमगंज नागेन्द्र झा महिला कालेज के प्राचार्य अमरेन्द्र मिश्रा ने कहा कि आधुनिकता के दौर में परम्परागत नृत्य संगीत जैसे गोंड नाच, आदिवासी कुडुक नृत्य, धोबिया धोबिनिया के नाच, शिनरयणी गीत आदि का इस महोत्सव में प्रस्तुति से हमारे क्षेत्र में प्रचलित प्राचीन परंपरा से लोगों को अवगत होने का मौका मिलता है। बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रवक्ता उषा दूबे ने कहा कि विश्वामित्र की तपोभूमि पर शाहाबाद महोत्सव के माध्यम से जो अपने गौरवशाली अतीत को याद करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है उसके सकारात्मक परिणाम भी आने वाले दिनों में दिखेंगे। अन्य लोगों के अलावा ज्ञानेंद्र कुशवाहा, विनोद प्रधान, गुड्डू राय, नन्दलाल राज, विमल कुमार, पारसनाथ मणी, अभिषेक कुमार ओमप्रकाश सिंह आदि ने भी बैठक को संबोधित किया।






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