बक्सर । एक दर्जन विदेशी सैलानियों का दल रविवार को सीताराम उपाध्याय संग्रहालय का अवलोकन करने पहुंचे. विदेशी सैलानियों में स्वीटजरलैंड के आठ सैलानी शामिल थे. उनके साथ वाराणसी से एक और कोलकाता से भी तीन गाइड थे.
इसके अलावा एक अन्य भारतीय भी साथ में था. वे लोग संग्रहालय में तकरीबन एक घंटा समय व्यतीत की. इस दौरान वे संग्रहालय में दो हजार वर्ष पूर्व की पत्थर की मूर्तियों को बारीकी से अवलोकन कर रूबरू हुए.
इसके अलावा एक अन्य भारतीय भी साथ में था. वे लोग संग्रहालय में तकरीबन एक घंटा समय व्यतीत की. इस दौरान वे संग्रहालय में दो हजार वर्ष पूर्व की पत्थर की मूर्तियों को बारीकी से अवलोकन कर रूबरू हुए.
वही संग्रहालय में संग्रहीत कुषाण काल से लेकर पाल काल कालीन प्रस्तर प्रतिमाओं के अलावा बक्सर व चौसा के पुरातात्विक उत्खनन से प्राप्त मृण मूर्तियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की. वही प्राचीन काल की मूर्तियों से महिलाओं के केश विन्यांस के बारे में भी रूबरू हुए. संग्रहालयाध्यक्ष डा शिव कुमार मिश्र ने बताया कि कोलकाता एवं स्वीटजरलैंड से आये पर्यटकों द्वारा सीताराम उपाध्याय संग्रहालय बक्सर के दुर्लभ सामग्रियों को देखा गया. वे कलावस्तुओं को करीब एक घंटे तक अवलोकन किये तथा प्रसन्न होकर वापस गए. संग्रहालय में संगृहीत दो हजार वर्ष पुरानी प्रस्तर प्रतिमाओं को विदेशी पर्यटकों द्वारा अत्यंत ही गंभीरता से अध्ययन किया गया.
विदेशी सैलानियों ने बक्सर एवं चौसा की मृणमूर्तियों को देखते हुए उन्होंने इनकी बहुत प्रशंसा की. प्राक् मौर्य काल से लेकर गुप्त कालीन मृण्मूर्तियों का यहां अत्यंत ही महत्वपूर्ण संग्रह है. एक फोटो दीर्घा को हाल ही में विकसित किया गया है. जिसमें बक्सर एवं भोजपुर जिले के महत्वपूर्ण विरासतों के अलावा बिहार के कुछ प्रमुख पुरास्थलों के विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. फोटो गैलरी देखने के बाद दर्शकों में उन पुरास्थलों एवं धरोहरों को अवलोकन करने की इच्छा जागृत होती है. संग्रहालय के मोहम्मद आशिक, अभिषेक कुमार चौबे, अभिनंदन कुमार सहित अन्य कर्मचारियों ने पर्यटकों को सहयोग किया.
................. ................. ............... ..............
Send us news at: buxaronlinenews@gmail.com
ख़बरें भेजें और हम पहुंचाएंगे,
आपकी खबर को सही जगह तक...
0 Comments