बक्सर । डुमरांव के जगदीश पैलेस के सभागार में साहित्य के शिव और पत्रकारिता क्षेत्र के गुरु बाबा शिवजी पाठक के निधन पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अधिवक्ता एवं साहित्यकार शंभु शरण नवीन और संचालन रोटरी जगदीश मेमोरियल ट्रस्ट के चेयरमैन प्रदीप जायसवाल ने किया. इस सभा मे साहित्यकार, तमाम पत्रकार एवं समाजसेवियों की अच्छी-खासी उपस्थिति रही. सबों ने नम आंखों से उनके तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. वक्ताओं ने कहा कि दिवंगत बाबा शिवजी पाठक सहित्य और पत्रकारिता क्षेत्र के पुरोधा थे. 1976 में ही अपने पत्रकारिता की कलम से जनसरोकार की खबरें प्रकाशित कर सामाजिक क्षेत्र में भागीरथी प्रयास किया और 1993 में बाबा टाइम्स पत्रिका का संपादन कर पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांति ला दिया.
बाबा पंडित शिवजी पाठक ने पत्रकारिता के सभी विचारों को एक माला में पिरोकर डुमरांव में पत्रकार सम्मलेन की शुरुआत की. साथ ही वे अपने जीवन के क्षेत्र में महामूर्ख सम्मेलन, कवि सम्मलेन, होली मिलन समारोह जैसे आयोजनों का नींव देकर प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों को एक कड़ी में बांध कर रखा. वक्ताओं ने कहा कि बाबा का स्मरणीय योगदान से पत्रकारिता व साहित्य गतिविधियों के क्षेत्र में डुमरांव आसमान की ऊंचाइयों पर चढ़ा रहा. बाबा ने शहीद स्मारक समिति की नींव रखकर एक दशक तक युवा पीढ़ी में डुमरांव के शहीदों के प्रति अलख जगायी. अंजान ब्रम्ह बाबा का पूजनोत्सव आयोजित कर भरत मिलाप जैसे धार्मिक उत्सव का भी नींव रखा. वे सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. कई संस्थाओं में भी उन्होंने अग्रहणी भूमिका निभायी. पठन-पाठन की रुचि को लेकर गांधी साहित्य पुस्तकालय की स्थापना की.
शोकसभा में ब्रम्हा पांडेय, दशरथ प्रसाद विद्यार्थी, मदन मोहन श्रीवास्तव, जयमंगल पांडेय, सच्चिदानंद भगत, प्रदीप शरण, मोहन गुप्ता, डॉ बीएल प्रवीण, पप्पू यादव, कमलेश सिंह, विनोद कुमार, मनीष कुमार, श्रीकांत राकेश, अखिलेश केशरी, धीरज कुमार, रमेश केशरी, सत्यम गुप्ता, विनोद वर्मा, उमेश गुप्ता, राकेश सोनी, भोला केशरी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.
बाबा पंडित शिवजी पाठक ने पत्रकारिता के सभी विचारों को एक माला में पिरोकर डुमरांव में पत्रकार सम्मलेन की शुरुआत की. साथ ही वे अपने जीवन के क्षेत्र में महामूर्ख सम्मेलन, कवि सम्मलेन, होली मिलन समारोह जैसे आयोजनों का नींव देकर प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों को एक कड़ी में बांध कर रखा. वक्ताओं ने कहा कि बाबा का स्मरणीय योगदान से पत्रकारिता व साहित्य गतिविधियों के क्षेत्र में डुमरांव आसमान की ऊंचाइयों पर चढ़ा रहा. बाबा ने शहीद स्मारक समिति की नींव रखकर एक दशक तक युवा पीढ़ी में डुमरांव के शहीदों के प्रति अलख जगायी. अंजान ब्रम्ह बाबा का पूजनोत्सव आयोजित कर भरत मिलाप जैसे धार्मिक उत्सव का भी नींव रखा. वे सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. कई संस्थाओं में भी उन्होंने अग्रहणी भूमिका निभायी. पठन-पाठन की रुचि को लेकर गांधी साहित्य पुस्तकालय की स्थापना की.
शोकसभा में ब्रम्हा पांडेय, दशरथ प्रसाद विद्यार्थी, मदन मोहन श्रीवास्तव, जयमंगल पांडेय, सच्चिदानंद भगत, प्रदीप शरण, मोहन गुप्ता, डॉ बीएल प्रवीण, पप्पू यादव, कमलेश सिंह, विनोद कुमार, मनीष कुमार, श्रीकांत राकेश, अखिलेश केशरी, धीरज कुमार, रमेश केशरी, सत्यम गुप्ता, विनोद वर्मा, उमेश गुप्ता, राकेश सोनी, भोला केशरी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.
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