- जिले के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क मधुमेह जांच की सुविधा उपलब्ध
- मरीजों को जांच के साथ दी जाती है मुफ्त में दवाइयां भी
- मधुमेह रोगियों के लिए नियमित जांच के साथ खानपान और व्यायाम जरूरी
बक्सर | मधुमेह एक ऐसी बीमारी है, जिससे आज अधिकतर लोग जूझ रहे हैं। पहले बुजुर्ग और बीमार लोगों में इसकी शिकायत आती थी। लेकिन, पैक्ड फूड्स और अनियमित खानपान के कारण आज यह बीमारी हर उम्र वर्ग के लोगों को अपना शिकार बना रही है। मधुमेह का अगर सही समय पर इलाज न हो तो यह शरीर में अन्य बीमारियां पैदा कर देती है। पीड़ित व्यक्ति को जब तक इसका ज्ञान होता,तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। मरीज के लिए लापरवाही कई बार जानलेवा बन जाती है। यह बीमारी साइलेंट किलर की तरह काम करती है। मधुमेह की वजह से किडनी और आंख सहित शरीर के अन्य अंगों पर भी प्रभाव पड़ता है। यदि हम मधुमेह के प्रभावों से बचना चाहते हैं, तो नियमित रूप से मधुमेह की जांच कराने और चिकित्सक की सलाह से जरूरी दवाएं लेना आवश्यक है। साथ ही, खानपान में बदलाव करने के साथ नियमित व्यायाम से भी हम मधुमेह के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।
स्वास्थ्य संस्थानों को उपलब्ध करायी जाती है जांच किट :
गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि एनसीडी कार्यक्रम के जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ग्लूकोमीटर के माध्यम से व्यक्तियों की ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर की जांच और काउंसिलिंग की जाती है। अनुमंडल अस्पताल, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ एचडब्ल्यूसी व एपीएचसी स्तर पर लोगों की मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाती है। इसके लिए जांच किट उपलब्ध करायी जाती है। मरीजों को नि:शुल्क जांच के साथ केंद्रों पर मुफ्त में दवाएं भी दी जाती हैं। चिकित्सकों व स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मरीजों को उच्च रक्तचाप व हृदयाघात आदि रोगों से बचाव के उपायों की जानकारी देने के साथ सही खान-पान की आदतों वाली जीवनशैली अपनाने की जानकारी दी जाती है। लोगों को रक्तचाप एवं मधुमेह की नियमित जांच कराने, नियमित व्यायाम करने, संतुलित व उचित आहार लेने के साथ एवं तनाव मुक्त जीवन अपनाने व तंबाकू सेवन न करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
पंचायत में व्यवस्था होने से जांच केंद्रों का नहीं लगाना पड़ता चक्कर :
सदर प्रखंड स्थित पांडेयपट्टी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अंतर्गत स्थानीय गांव के तिलेश्वर गोंड की पत्नी सरस्वती देवी पिछले कई साल से मधुमेह से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में उन्हें जांच के लिए शहर के निजी क्लिनिकों और जांच घरों का चक्कर लगाना पड़ता था। जिसके कारण बढ़ती उम्र में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन, सरकार की पहल पर अब उनके गांव में स्थित एचडब्ल्यूसी में ही मधुमेह की नि:शुल्क जांच की सुविधा मिल रही है। जिसके कारण उन्हें अब जांच घरों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। एचडब्ल्यूसी पर जांच के साथ ही मधुमेह की स्थिति का पता चल जाता है।
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