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शहरी के साथ साथ ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की काया बदली : डॉ. अभिनव- doctor-abhinav

 


• दो सदस्यीय टीम ने सदर अस्पताल, अर्बन पीएचसी और राजपुर पीएचसी का किया पीआर असेमनेट
• कायाकल्प की टीम के निरीक्षण में राज्य में टॉप करने पर अस्पताल को मिलती है 17 लाख रुपये की राशि

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की सेवाओं व सुविधाओं की गुणवत्ताओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई कार्य किए जा रहे हैं। ताकि, लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी संस्थानों की ओर बढ़े। इसके लिए कायाकल्प योजना के तहत जिले के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को सुसज्जित करते हुए आधुनिक मशीन और दक्ष स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है। इसी क्रम में राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर कायाकल्प योजना के तहत दो सदस्यीय टीम ने सदर अस्पताल, अर्बन पीएचसी व राजपुर पीएचसी का पीआर असेसमेंट किया। जिसमें उन्होंने अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को देखा। खासकर अस्पताल की सफाई व्यवस्था की टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया। टीम में कैमूर जिले के डॉ. अभिनव कुमार व अस्पताल मैनेजर जय प्रकाश के अलावा डीसीक्यूएम रुचि कुमारी शामिल रही। इसके बाद योजना के तहत फाइनल असेसमेंट के लिए पटना से टीम आयेगी।
गुणवत्ता के साथ बेहतर सेवा देना कार्यक्रम का उद्देश्य :
डॉ. अभिनव कुमार ने अर्बन पीएचसी का निरीक्षण करते हुए बताया कि कायाकल्प योजना के कारण शहरी के साथ साथ ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की काया बदली है। इस योजना को सरकारी अस्पतालों में आम लोगों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। अस्पताल में रोगियों के बेहतर इलाज के लिये जरूरी सुविधा, प्रशिक्षित कर्मी के साथ-साथ बेहतर माहौल का होना जरूरी है। ताकि अस्पताल में भर्ती मरीजों को एक स्वस्थ व सुंदर माहौल मिल सके। उन्हें अच्छा एहसास दिया जा सके। जो मरीजों के जल्द स्वस्थ होने के लिहाज से भी उपयोगी है।
अस्पतालों के लिए 50 मानक निर्धारित किये गये हैं :
डीसीक्यूएम रुचि कुमारी ने बताया, कायाकल्प योजना के तहत अस्पतालों के लिए 50 मानक निर्धारित किये गये हैं। कायाकल्प के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम इन सुविधाओं का सर्वे करते हुए बेहतर परफार्मेंस के आधार पर निर्णय लेती है। निर्धारित सुविधाओं में मुख्य रूप से अस्पताल में साफ-सफाई का इंतजाम, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, रजिस्ट्रेशन काउंटर, हॉस्पिटल इंफेक्शन प्रिवेंशन मैनेजमेंट रिकार्ड कीपिंग, मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूसन, मरीज व स्टाफ के बीच परस्पर व्यवहार, सर्पोट सर्विस सहित अन्य शामिल हैं। उन्होंने बताया, कायाकल्प की टीम के निरीक्षण में राज्य में टॉप करने पर अस्पताल को 17 लाख रुपये की राशि मिलती है। दूसरे और तीसरे स्थान वाले को भी राशि मिलती है। उस राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाने पर खर्च किया जाता है, जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि अस्पताल के कर्मियों में उत्साह बढ़ाने के लिए खर्च किया जाता है।
सफाई का रखा जाता है बेहतर ध्यान :
बक्सर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया, निरीक्षण को आई टीम अर्बन पीएचसी की अच्छी व्यवस्थाओं की देख का संतुष्ट दिखी। उन्होंने बताया, यहां पर सफाई का बेहतर ध्यान रखा जाता है। न सिर्फ अस्पताल के अंदर, बल्कि परिसर भी साफ-सुथरा था। प्रसव कक्ष, ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर में गंदगी नहीं दिखी। हमलोगों ने ठीक से तैयारी की थी। अब अंक मिलने के बाद पता चलेगा निरीक्षण कितना अच्छा रहा। उन्होंने बताया कि सिर्फ कायाकल्प के निरीक्षण के दौरान ही नहीं, बल्कि आम दिनों में भी अस्पताल में साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है। मरीजों का स्वच्छ माहौल में यहां पर इलाज किया जाता है। मौके पर डॉ मिथिलेश सिंह, केयर इंडिया की डॉ नम्रता, बीएचएम सुशील कुमार, बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह, पीडब्ल्यूएम नागेश दत्त पाण्डेय समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।





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