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कुष्ठ रोग कलंक नहीं बीमारी है, समय पर इसका इलाज होने से मिल सकती है निजात- district






(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिला को कुष्ठ रोग से पूरी तरह से मुक्त करने के उद्देश्य से विभिन्न अभियान चलाये जा रहे हैं। जिसमें जिले के सभी प्रखंडों में कुष्ठ रोग खोजी अभियान के साथ-साथ रोगियों के इलाज के लिये विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं। इसके बावजूद आज भी समाज में कुष्ठ रोग को लेकर अनेक तरह की शंकाएं है। जबकि यह एक तरह की बीमारी है, जो समय और सही इलाज से पूरी तरह से ठीक हो सकती है। लेकिन, इसके लिये लोगों को इस बीमारी के लक्षणों की पहचान के साथ-साथ बीमारी के संबंध में पूरी जानकारी होनी चाहिये। ताकि,  कोई भी व्यक्ति अपने आसपास कुष्ठ रोगी की पहचान कर उन्हें इलाज के लिये प्रेरित कर सके। ज्यादातर लोग इस बीमारी की प्रारंभिक अवस्था से अवगत नहीं होते। जिसके कारण स्थिति खराब होने पर उन्हें कुष्ठ रोग से ग्रसित होने की जानकारी होती है। ऐसे में जिले के कुष्ठ रोगी दूसरे लोगों को भी इस बीमारी व उसके परिणामों से अवगत कराने में लगे हुये। भले ही उनकी कोशिश व्यापक ज्ञतर पर नहीं है। लेकिन, समाज के सभी लोगों की सहभागिता से उनकी कोशिशियों को जनआंदोलन बनाया जा सकता है। जिसके बाद कोई भी कुष्ठ रोग से ग्रसित नहीं होगा और हुआ भी तो उसका इलाज समयपर शुरू हो सकेगा। जिससे उन्हें इस बीमारी से बचाया भी जा सकता है।

जब जांच रिपोर्ट आई, तो परिवार की होने लगी चिंता :
कुष्ठ रोग के ग्रेड जीरो (शुन्य) से पीड़ित आहिरौली की गंगाजली देवी का इलाज चल रहा है। लेकिन, रोग की भयावहता और प्रभावों को जानने के बाद अब वह अपने आसपास के लोगों को कुष्ठ रोग से बचाव और पहचान के संबंध में जानकारी देने लगी है। गंगाजली देवी का कहना है कि दो साल पहले उनके घर आशा कार्यकर्ता और पारा मेडिकल वर्कर कुष्ठ रोग जांच के लिये आये थे। जहां उनके शरीर में कुष्ठ रोग के लक्षण की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनका इलाज शुरू किया गया। हालांकि, रोग के पहले चरण की शुरुआत में ही इलाज शुरू होने के कारण वह संभावित अपंगता से तो बच गई। लेकिन, उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों में कुष्ठ रोग के प्रसार की चिंता रहने लगी। लेकिन, जब स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों ने उनको रोग की पूरी जानकारी दी, तो वह उक्त चिंता से मुक्त हो सकी। उन्होंने जिले के लोगों से कुष्ठ रोग के लक्षणों की पहचान व उसकी जानकारी लेने की अपील की। ताकि, उनके परिवार में यदि कोई इस रोग के प्रारंभिक अवस्था से कुजर रहा है, तो उसका इलाज समय पर किया जा सके।

दाग और सूनापन शुरू होने के बाद बढ़ने लगी थी परेशानी :
सदर प्रखंड के बरूना निवासी बलिराम सिंह भी कुष्ठ रोग के ग्रेड जीरो के मरीज है। लेकिन, इस रोग की शुरुआती दिनों से ही उन्हें अपरेशानी होने लगी थी। उन्होंने बताया, जब तीन साल पूर्व उनके शरीर में काले धब्बे होने लगे थे, तब उन्होंने उसे हल्के में लिया। सोचा यह गर्मी के कारण हो रहा है और जल्दद ठीक हो जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धीरे-धीरे शरीर पर धब्बों वाले स्थान पर सूनापन होने लगा। उक्त स्थानों पर यदि उन्हें कोई छू ले, तो उन्हें छूने का आभास नहीं होता था। जिसके बाद उनकी चिंता बढ़ने लगी। उसके बाद उनके यहां स्वास्थ्य टीम पहुंची, जिन्होंने उनके शरीर में कुष्ठ रोग की पुष्ठि की। साथ ही, उन्होंने कुष्ठ रोग के संबंध में पूरी जानकारी दी। जिसके बाद वह भगवान का शुक्रिया अदा कि समय पर उनका रोग पकड़ा जा सका, नहीं तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी। अब अपने परिजनों और रिश्तेदरों के साथ-साथ गांव के लोगों को भी कुष्ठ रोग के लक्षणों की जानकारी देते हैं। पहले लोग उनकी बात को टालते थे। लेकिन अब उन्हें पता चला  ह बलिराम सिंह कुष्ठ से पीड़ित हैं, तो उसके बाद लोग उनकी बातों को गंभिरता से लेने लगे।

उपचार जल्द शुरू करने पर विकृति से हो सकेगा बचाव : 
डॉ. शालीग्राम पांडेय, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी ने बताया कुष्ठ का उपचार अत्याधिक महत्वपूर्ण है। कुष्ठ रोग के लक्षण है जोड़ों के निकट दर्द, अचानक बुखार होना जिसमें त्वचा सूज गई हो और उसमें लालपन दर्द के साथ हो, आंखों में दर्द, लालपन या पानी निकलना और दृष्टि का धुंधलापन होना। जिसका उपचार जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए जिससे विकृति से बचाव हो सके। उन्होंने कहा कि कुष्ट औषधि चिकित्सा केंद्र कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर उपलब्ध होती है। रोगी को इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए कि दवा नियमित रूप से उपचार अवधि तक लेने से ही कुष्ठ रोग से निजात मिल सकता है।


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