(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा-भोजपुर):- विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वस्थय केंद्रों पर 29 सितंबर से निःशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह का शुभारंभ होगा। उक्त कार्यक्रम पीएचसी से लेकर अनुमंडल व जिलास्तरीय सभी अस्पतालों में होगा। जिसमें चिकित्सकों द्वारा लोगों को हृदय रोग के कारण, लक्षण एवं इससे बचाव की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी। इस दौरान सप्ताह भर लोगों को हृदय रोग से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी दी जाएगी और जागरूक किया जाएगा। हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सरकारी अस्पतालों में हो रही जांच की जानकारी देंगी और जांच कराने के लिए प्रेरित करेंगी। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर उक्त कार्यक्रम समापन 05 अक्टूबर को होगा। इसके लिए स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए हैं एवं हर हाल में कार्यक्रम शुभारंभ सुनिश्चित कराने को कहा है।
जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारी को दिए गए हैं निर्देश :
सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया, 29 सितंबर से विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह कार्यक्रम शुभारंभ करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। जिसे हर हाल में सुनिश्चित कराने को लेकर जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। ताकि हर हाल में निर्धारित तिथि एवं समय पर कार्यक्रम का शुभारंभ सुनिश्चित हो सके और अभियान सफल हो सके।
किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता हृदय रोग :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने बताया, हृदय रोग किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है। बच्चे, बूढ़े, युवा सभी लोग इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए, हर आयु वर्ग के लोग को इससे बचाव से संबंधित उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। साथ ही चिकित्सा परामर्श के अनुसार उपचार कराना भी जरूरी है।
बीमारी का लक्षण दिखते ही कराएं इलाज :
इस बीमारी का लक्षण दिखते ही इलाज कराना बेहद जरूरी है। दरअसल, समय पर इलाज कराने से स्थाई निजात मिल सकती है। अन्यथा यह बीमारी आपके जिंदगी का हिस्सा बन सकता है। इसलिए जैसे ही बीमारी के लक्षण दिखे कि तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से इलाज कराना चाहिए और चिकित्सा परामर्श का हरसंभव पालन करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आपको बीमारी से आराम मिलेगा, बल्कि बीमारी से स्थाई निजात भी मिलेगी।
हृदय रोग के लक्षण
-सीने में तीव्र दर्द, दबाव या शारीरिक श्रम के बाद अपच का आभास।
-कंधे या हाथ में दर्द या दबाव।
-जबड़ो में अकारण दर्द।
-परिश्रम/सीढ़ी चढ़ने में साँस फूलना या बेहोशी होना।
-पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द।
-अकारण जी घबराना या पसीना आना।
-धड़कन महसूस होना या चक्कर आना।
-शरीर के किसी अंग या हिस्से में कमजोरी होना।
हृदय रोग से बचाव के उपाय
-संतुलित आहार लें।
-नियमित व्यायाम करें।
-मदिरा या तम्बाकू युक्त पदार्थों का सेवन ना करें।
-वजन एवं रक्तचाप की नियमित जाँच कराएं एवं उसपर नियंत्रण रखें।
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