बक्सर । राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गाँव में शनिवार की सुबह बालू रखने के विवाद में बेखौफ हथियारबंद अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर आधा दर्जन लोगों को गोलियों से छलनी करते हुए तीन व्यक्तियों को मौत के घाट उतार दिया. इस मामले को लेकर जहाँ पूरे बिहार में प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है वही स्थानीय अंचलाधिकारी की एक चिट्ठी ने प्रशासनिक विफलता को दर्शा रहा है. बता दें कि अहियापुर हत्याकांड को लेकर राजपुर सीओ द्वारा जारी की गई एक चिट्ठी ने बड़ा बवाल मचाया है.
बिहार सरकार की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा जमाकर बाहुबलियों ने प्रशासन को बौना बना कर रख दिया है सूत्र बताते है कि गत दिनों जिलाधिकारी ने बक्सर एसडीएम को अहियापुर हत्याकांड के नामजद आरोपियों के कब्जे वाले सामुदायिक भवन को खाली करा अपने कब्जे में लेकर तालाबंदी का आदेश दिया था लेकिन डीएम का पत्र भी एसडीएम ने बाहुबलियों के खिलाफ कोई कार्यवाई नही की लेकिन ,अब नहर किनारे बालू बेचने के मामले में राजस्व कर्मचारी को फरमान जारी कर सरकारी भूमि के अवैध कब्जे को लेकर जिम्मेदार ठहराया गया है साथ ही अहियापुर ट्रिपल हत्याकांड में भी उनकी जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है.
सीओ ने चिठ्ठी के माध्यम से राजस्व कर्मचारी से स्पष्टीकरण नही देने पर एफआईआर की भी धमकी दी है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अंचलाधिकारी अपनी विफलता का ठीकरा राजस्व कर्मचारी पर फोड़ कर क्या साबित करना चाहती है? जबकि अंचलाधिकारी को स्वयं सरकारी भूमि के अतिक्रमण के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाई के लिए सरकार के द्वारा शक्तियां प्रदान की गई है.
सीओ ने चिठ्ठी के माध्यम से राजस्व कर्मचारी से स्पष्टीकरण नही देने पर एफआईआर की भी धमकी दी है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अंचलाधिकारी अपनी विफलता का ठीकरा राजस्व कर्मचारी पर फोड़ कर क्या साबित करना चाहती है? जबकि अंचलाधिकारी को स्वयं सरकारी भूमि के अतिक्रमण के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाई के लिए सरकार के द्वारा शक्तियां प्रदान की गई है.
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