(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिला में टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सत्र स्थलों को लगातार बढ़ाया जा रहा है। स्थायी टीकाकरण सत्र स्थलों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण इलाकों में टीका एक्सप्रेस भी चलायी जा रही है। लेकिन तमाम तैयारियों व अभियानों की अपेक्षा टीकाकरण के प्रति लोगों की उदासीनता अभी भी दिखाई दे रही है, जो प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में लोगों को टीका और उसके फायदों को समझाने के लिए पूरा प्रशासनिक महकमा अपने संबंधित क्षेत्र में गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है। अधिकारी हर क्षेत्र के फ्रंटलाइन वर्कर्स से इलाके में फैली भ्रांतियों और अफवाहों की जानकारी ले रहे हैं। जिसके बाद उन भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों से मिल रहे हैं। जहां वह टीका व टीकाकरण अभियान को लेकर उनकी धारणाओं को बदल रहे हैं।
45+ के एक चौथाई लाभुकों को किया गया है टीकाकृत :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, टीकाकरण के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में युवाओं की रुचि 45+ के लाभुकों की तुलना में अधिक है । युवा स्वयं रजिस्ट्रेशन कर दिए गए स्लॉट में जाकर अपना टीका ले रहे हैं। लेकिन, गत दिनों 45+ के लाभार्थियों के टीकाकरण की गति कुछ धीमी हुई है। जिला स्वास्थ्य समिति ने सभी प्रखंडों को मिलाकर 45+ के 437746 लाभार्थियों को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें तीन जून तक 24.7 प्रतिशत यानी 121434 लाभार्थी ही टीके की पहली डोज ले सके हैं। जिसको हरहाल में बढ़ाना होगा। जिसे केवल स्वास्थ्य समिति या जिला प्रशासन के सहयोग से पूरा नहीं किया जा सकता है। इसके लिए जिले के वासियों की सहभागिता बढ़ानी होगी। जिससे पूरे जिले को संक्रमण से बचाया जा सके। लोगों को समझाना होगा कि यह पूरा अभियान उनके व उनके परिजनों के लिए ही आयोजित किया जा रहा है।
भ्रांतियों पर विश्वास न करें लोग, उसकी पुष्टि आवश्यक :
डॉ. सिंह ने बताया, अभी के दौर में लोगों को समझना होगा कि कोरोना वायरस के पहले स्ट्रेन की तुलना में दूसरा स्ट्रेन काफी नुक्सानदायक साबित हुआ और कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जिसे देखते हुए कोरोना वायरस के दूसरे म्युटेशन के पूर्व हमें अपनी सुरक्षा के लिए टीका लेना आवश्यक है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगस्त के बाद वायरस में एक बार फिर म्युटेशन होने वाला है। जिसके बाद वायरस दूसरे स्ट्रेन से भी अधिक ताकतवर हो जाएगा। दूसरी ओर, संक्रमण काल में लोगों को अपने विवेक से काम करना होगा। दूसरों की बातों में न आते हुए, वह स्वयं अपना निर्णय लें। लेकिन निर्णय तथ्यपरक होना चाहिए। किसी भी भ्रांति पर विश्वास करने से पहले उसकी पुष्टि संबंधित लोगों या चिकित्सक से कर लें। अब तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपने आधिकारिक वेबसाइट पर लोगों के संशय को दूर करने के लिए विभिन्न सवालों के साथ उसके जवाब भी अपलोड कर दिए हैं। जिसको पढ़कर लोग चीजों को समझ सकते हैं और दूसरों को भी भ्रांतियों से दूर रहने की सलाह दे सकते हैं।
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