बक्सर । सती घाट स्थित लाल बाबा आश्रम में आश्रम के महंत सुरेंद्र जी महाराज के सानिध्य में चल रही श्री राम कथा के सातवें दिन श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र, जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी बैकुंठ नाथ जी महाराज पीठाधीश्वर, माया मधुसूदन धाम हरिद्वार के मुखारविंद से श्री राम कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया।
कथा के दौरान स्वामी बैकुंठ नाथ जी महाराज ने भरत चरित्र का मार्मिक प्रसंग प्रस्तुत करते हुए कहा कि “भाई हो तो भरत जैसा।” उन्होंने बताया कि यहाँ राम भक्त से आशय भरत से है, जो अपने बड़े भाई भगवान श्रीराम के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित थे। स्वामी जी ने भरत द्वारा राम की खड़ाऊ को साथ लेकर चलने का भाव समझाते हुए कहा कि यह खड़ाऊ केवल वस्तु नहीं, बल्कि राम की निशानी, उनकी सत्ता और उपस्थिति का प्रतीक थी। राम की अनुपस्थिति में भरत ने उसी निशानी के सहारे राज्य का संचालन किया, जो उनके त्याग, निष्ठा और मर्यादा को दर्शाता है।
इस प्रसंग से जुड़ा भजन “ले चला रे…” के भावार्थ को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह गीत भरत के गहरे प्रेम और भक्ति को अभिव्यक्त करता है, जिसमें राम के बिना भी हर क्षण राम का स्मरण निहित है। कथा श्रवण के दौरान समस्त भक्तगण भावविभोर होकर सुमिरन और भजन में लीन नजर आए।
कथा में बाबा घनश्याम दास जी महाराज, श्री विंध्याचल दास जी, हनुमान गढ़ी अयोध्या के पुजारी श्री ब्रजेश जी महाराज, श्री ओमप्रकाश जी महाराज सहित अनेक संत-महात्माओं की उपस्थिति रही। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख श्रद्धालुओं में यु• जदयु प्रदेश महासचिव आजाद सिंह राठौर जी, नीरज सिंह, झूना पांडे, पुना बाबा, दुर्गेश पांडे, अधिवक्ता प्रहलाद जी, मनोज वर्मा, संतोष गुप्ता, बब्लू तिवारी, अनिरुद्ध तिवारी, विनोद जयसवाल, संतोष शर्मा, सुरेंद्र वर्मा, सिद्धनाथ तिवारी, नरेंद्र वर्मा, आकाश जयसवाल, कमलेश यादव, महेश जयसवाल और आरती गुप्ता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।
श्री राम कथा के सातवें दिन का यह प्रसंग भक्तों के हृदय में भक्ति, त्याग और आदर्श भाईचारे की अमिट छाप छोड़ गया।
................. ................. ............... ..............
Send us news at: buxaronlinenews@gmail.com
ख़बरें भेजें और हम पहुंचाएंगे,
आपकी खबर को सही जगह तक...















0 Comments