बक्सर । जिले में धान की फसल कटने के बाद भी खरीदारी नहीं होने से किसान भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। खेतों से धान कटकर खलिहानों तक पहुंच चुकी है, लेकिन सरकारी खरीद की प्रक्रिया ठप रहने से किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर डुमरांव प्रखंड के मुंगाव पंचायत के मुखिया इंदल सिंह ने किसानों के हक की आवाज बुलंद की है।
मुखिया इंदल सिंह ने व्यापार मंडल और पैक्सों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि धान खरीद में खुलेआम मनमानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसान कई दिनों से पैक्सों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन न तो उनकी धान की खरीद हो रही है और न ही उन्हें कोई स्पष्ट जवाब दिया जा रहा है। सरकार एक ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल उलट नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि जिन किसानों की धान खरीदी भी जा रही है, उनसे अवैध कटौती की जा रही है। कभी नमी का बहाना बनाकर तो कभी गुणवत्ता का हवाला देकर किसानों को कम दाम देने की कोशिश की जा रही है। इससे किसान आर्थिक रूप से टूट रहे हैं और कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं।
मुखिया इंदल सिंह ने जिला प्रशासन से मांग की कि पैक्सों और व्यापार मंडलों की कार्यप्रणाली की तत्काल जांच कराई जाए। साथ ही किसानों की धान की खरीद पारदर्शी तरीके से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनके साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों को समय पर उचित मूल्य नहीं मिला तो इसका सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
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