बक्सर । भोजपुरी और हिंदी भाषा के प्रसिद्ध लेखक एवं लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर अतुल मोहन का आज निधन हो गया। उनके स्वर्गवासी होने की जानकारी उनके बड़े भाई प्रो० अरुण मोहन भारवि ने दी। उनका अंतिम संस्कार कल बक्सर के चरित्र वन स्थित गंगा तट पर किया जाएगा।
स्व० अतुल मोहन लघुकथा सृजन के सिद्ध पुरुष माने जाते थे। उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ “उठती हुई लहरें”, “पाली का आदमी”, “तरकश का आख़िरी तीर” और “चुभन” लघुकथा-संग्रह के रूप में साहित्य जगत में चर्चित रहीं। उनकी कई रचनाएँ आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी हैं।
वे भारतीय स्टेट बैंक में उप-प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
उनका जन्म 7 जुलाई 1951 को बक्सर में हुआ था और आज, 9 नवम्बर 2025 को उनका निधन हो गया। उनका मूल गाँव डुमरी है। उनके पिता डॉ० शारदा प्रसाद और माता स्व० सुमित्रा देवी थीं।
उनके निधन से बक्सर का साहित्य समाज शोक में डूबा हुआ है।
भोजपुरी साहित्य मंडल, बक्सर ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “अतुल मोहन के निधन से साहित्य जगत ने एक संवेदनशील कथाकार को खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं।”
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