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कल से शुरू होगी पंचकोशी परिक्रमा : बक्सर में उमड़ेगी आस्था की गंगा


- रामरेखा घाट से होगा शुभारंभ, पाँच दिनों तक चलेगी धार्मिक यात्रा 
- अहिल्या धाम, नदांव, भभुअर, नुआंव और चरित्रवन होंगे प्रमुख पड़ाव

बक्सर । धर्मनगरी बक्सर एक बार फिर आस्था और अध्यात्म से सराबोर होने को तैयार है। कल यानी रविवार की भोर में रामरेखा घाट से मंत्रोच्चार, गंगा आरती और श्रद्धालुओं की जयकारों के बीच पवित्र पंचकोशी परिक्रमा का शुभारंभ होगा। यह पाँच दिवसीय धार्मिक यात्रा 13 नवम्बर (गुरुवार) तक चलेगी, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।

भगवान श्रीराम की परिक्रमा से जुड़ी मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम जब अयोध्या से जनकपुर की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने बक्सर में पांच ऋषियों के आश्रमों की परिक्रमा की थी। उसी स्मृति में यह पंचकोशी यात्रा सदियों से बक्सर की पहचान और परंपरा बन चुकी है।




पंचकोशी यात्रा के प्रमुख पड़ाव और कार्यक्रम

 पहला पड़ाव – अहिरौली (अहिल्या धाम)
रविवार को गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु अहिल्या धाम के लिए रवाना होंगे। अहिल्या माता मंदिर में पूजन-अर्चन और प्रसाद वितरण किया जाएगा।

दूसरा पड़ाव – नदांव (नारद आश्रम)
सोमवार को यात्रा नारद ऋषि के तपोस्थल नदांव पहुंचेगी। यहाँ भक्त खिचड़ी प्रसाद ग्रहण करेंगे और सामूहिक भजन होगा।

 तीसरा पड़ाव – भभुअर (भार्गव सरोवर)
मंगलवार को परिक्रमा भभुअर पहुंचेगी। यहाँ दही-चूड़ा का भोग और पारंपरिक भजन संध्या का आयोजन होगा।

चौथा पड़ाव – नुआंव (उद्दालक ऋषि आश्रम)
बुधवार को श्रद्धालु नुआंव पहुंचेंगे। यहाँ सत्तू-मूली प्रसाद, कथा-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

 पाँचवां एवं अंतिम पड़ाव – चरित्रवन (विश्वामित्र आश्रम के निकट)
गुरुवार को परिक्रमा का समापन चरित्रवन में होगा। भव्य गंगा आरती और लिट्टी-चोखा भोग के साथ यात्रा पूर्ण होगी।

 प्रशासनिक तैयारी पूरी

जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु सुरक्षा, चिकित्सा, स्वच्छता और यातायात नियंत्रण की व्यापक व्यवस्था की है।
एसडीओ बक्सर ने बताया कि “हर पड़ाव पर चिकित्सा दल, जलापूर्ति केंद्र, लाउडस्पीकर गाइडेंस और रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। नगर परिषद व स्वयंसेवी संस्थाएँ सक्रिय हैं।”


हर-हर महादेव से गूंजेगा बक्सर

गंगा किनारे बसे बक्सर शहर में चारों ओर भक्ति का वातावरण बन चुका है। भक्तों के समूह “जय श्रीराम” और “हर हर महादेव” के उद्घोष के साथ गीत-संगीत में मग्न हैं। देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों ने गंगा तट पर डेरा डाल रखा है, जिससे नगर का हर कोना भक्ति-भाव में डूबा हुआ है।

 श्रद्धा, संस्कृति और एकता का प्रतीक

पंचकोशी परिक्रमा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि बक्सर की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान है।
यह यात्रा लोक आस्था, सनातन परंपरा और समाज में एकता का संदेश देती है।







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