- पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने दी गुरु दीक्षा, गूंजा गुरु-शिष्य परंपरा का जयघोष
- हजारों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा-भाव से ग्रहण की दीक्षा, भाव-विभोर हुआ आईटीआई मैदान
बक्सर । नगर का आईटीआई मैदान रविवार को एक अलौकिक ऊर्जा से सराबोर नजर आया, जब पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सान्निध्य में हजारों श्रद्धालुओं ने गुरु दीक्षा ग्रहण की। इस पावन अवसर पर उपस्थित जनसागर भाव-विभोर था। हर चेहरा श्रद्धा से खिला हुआ और हर मन ज्ञान व भक्ति की ओर अग्रसर होता प्रतीत हो रहा था। कार्यक्रम के आरंभ में भजनों की मधुर ध्वनि और वेदों के मंत्रोच्चार से वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंग गया।
पूज्य महाराज श्री ने दीक्षा कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए गुरु-शिष्य परंपरा की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "गुरु वह दीपक हैं जो शिष्य के अंतर्मन में बसे अज्ञान के अंधकार को मिटाकर उसे सत्य, प्रेम और मोक्ष के मार्ग की ओर प्रेरित करते हैं।" उन्होंने समझाया कि गुरु की कृपा से ही आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और शिष्य का जीवन सार्थक हो जाता है।
शंकाओं का समाधान और आत्मज्ञान का मार्ग
गुरु दीक्षा कार्यक्रम के पश्चात जब श्रद्धालुओं को पूज्य महाराज श्री से व्यक्तिगत रूप से संवाद का अवसर मिला, तो अनेक भक्तों ने अपने जीवन से जुड़ी समस्याएं, शंकाएं और जिज्ञासाएं उनके समक्ष रखीं। किसी ने पारिवारिक कलह से मुक्ति का उपाय पूछा, तो किसी ने जीवन में स्थिरता और मानसिक शांति पाने की राह। पूज्य महाराज श्री ने अत्यंत धैर्य और करुणा से सभी की बात सुनी और सरल, जीवनोपयोगी समाधान प्रस्तुत किए। उनका हर उत्तर न केवल समस्याओं का समाधान था, बल्कि आत्मा की गहराइयों को स्पर्श करता एक ज्ञानवाक्य भी था।
बक्सर में गूंजे भक्ति के स्वर, भागवत कथा का आमंत्रण
गुरु दीक्षा का यह महोत्सव श्रीमद भागवत कथा के आगाज का भी संकेत था। पूज्य महाराज श्री ने घोषणा की कि 9 से 15 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 3:30 बजे से आईटीआई मैदान में श्रीमद भागवत कथा सुनाई जा रही है। कथा के माध्यम से वे भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, भक्ति, धर्म और कर्म के रहस्यों से परिचित करा रहे हैं।
इस आयोजन को लेकर पूरे जिले में उत्साह की लहर है। श्रद्धालु न केवल बक्सर जिले से, बल्कि आसपास के जिलों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में इस दिव्य आयोजन में भाग लेने पहुंच रहे हैं। आयोजकों के अनुसार, प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्तों की उपस्थिति की संभावना है।
यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा के जागरण और जीवन के पुनर्निर्माण की प्रेरणा बन रहा है। पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के वचनों में जो शक्ति है, वह सीधे हृदय को छूती है और भीतर से बदल देने का सामर्थ्य रखती है। ऐसे में यह आयोजन बक्सरवासियों के लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं।
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