बक्सर । साइबर फ्राड के दो अलग-अलग मामलों में महिला समेत सात की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस मामले में बेहद गंभीर है। जिले में एक ही दिन के अंतराल पर दो गिरोहों के खुलासे के बाद पुलिस को आशंका है कि दोनों गिरोह के तार एक दूसरे से जुड़े हैं और बहुत संभव है कि दोनों गिरोह का मास्टर माइंड एक ही व्यक्ति हो। लिहाजा पुलिस इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच में जुट गई है।
इस संबंध में सदर एसडीपीओ धीरज कुमार ने बताया कि एक दिन पूर्व साइबर थाना द्वारा जिस महिला को साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार किया गया है, उसकी और एक दिन बाद इटाढ़ी पुलिस द्वारा जिस गिरोह को गिरफ्तार किया गया है, दोनों की कार्यशैली बिल्कुल एक समान है। दोनों ही साइबर फ्राड के पैसे मंगाने के लिए ग्रामीण इलाके के लोगों को अपना निशाना बनाते हुए प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ दिलाने के लिए उनके नए खाते खोलने के साथ ही नया सिमकार्ड जारी करवा रहे थे। दोनों ही नया खाता खोलने के बाद ग्राहकों का बैंक पासबुक, एटीएम और सिम कार्ड अपने ही पास रख लेते थे। इन बैंक खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल एक ही समान
दोनों गिरोह फ्राड के पैसे मंगाने के लिए कर रहे थे।
एसडीपीओ ने बताया कि भिन्नता सिर्फ इतनी है कि धनसोई से गिरफ्तार महिला रिंकू देवी सिर्फ बीपीएल कार्ड धारक ग्रामीण महिलाओं को निशाना बनाते हुए खाते में प्रति माह दो सौ रुपये आने की बात बता रही थी, जबकि इटाढ़ी से पकड़ा गया गिरोह एकमुश्त 10 हजार रुपया दिलाने के नाम पर ग्रामीणों के खाते खोल रहा था। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार सभी से अलग-अलग पूछताछ में जुड़ने वाले तार की तलाश की गई थी, तब इसका कोई संकेत पुलिस को नहीं मिला।
पुलिस की यह आशंका काफी प्रबल लग रही है। लिहाजा दोनों मामलों की नए सिरे से जांच करते हुए मास्टर माइंड तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, साइबर अपराधियों की कार्यशैली ऐसी है कि इसमें सेंध लगाना आसान नहीं होता, फिर भी पुलिस अपने प्रयासों में लगी है।
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