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मातृशक्ति की उपासना और सम्मान की प्रेरणा देने वाला पर्व है नवरात्रि- शिक्षाविद तिलकधारी पान्डेय



बक्सर । संस्कृत विद्यालय के शिक्षक तिलकधारी पान्डेय ने बक्सर सहित प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उन्होंने सभी की सुखसमृद्धि और मंगलमय जीवन की कामना की है। श्री पान्डेय ने अपने संदेश में कहा कि नवरात्रि केवल मातृ शक्ति की उपासना का पर्व नहीं है,बल्कि यह आत्मानुशासन,अंतःकरण की शुद्धि और मन की एकाग्रता को सुदृढ़ करने का अवसर भी प्रदान करता है। 


मां दुर्गा की कृपा से यह पावन पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करे, और हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विशेष महत्व है। देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का यह पर्व हमें मातृशक्ति की उपासना और सम्मान की प्रेरणा देता है। समाज में नारी के महत्व को प्रदर्शित करने वाला यह पर्व हमारी संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि में कन्या पूजन की परम्परा भी बालिकाओं के सम्मान से जुड़ा विषय है। 



उन्होंने कहा कि भारत की सनातन धर्म की परम्परा में माँ दुर्गा की उपासना का प्राचीन काल से ही अत्यधिक महत्व रहा है। माँ दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। यह चराचर जगत की आदि शक्ति हैं, इनके अनन्त रूप हैं, लेकिन प्रधान नौ रूपों में नवदुर्गा बनकर आदिशक्ति चराचर जगत पर अपनी करुणा की वर्षा करती हैं। वर्ष में दो बार नवरात्रि का कार्यक्रम मातृशक्ति के प्रति भारत की भावना का प्रभावी प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्रि का आयोजन, सभी लोगों के लिए शुभ एवं मंगलमय हो यह मेरी माता रानी से कामना है।





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