बक्सर । सावन माह के प्रथम सोमवारी को प्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए रविवार की शाम कावरियों का जत्था रामरेखा घाट से गंगा जल का उठाव कर ब्रह्मपुर के लिए रवाना हुआ.
इस दौरान हर हर महादेव के जयघोष से पूरा शहर गुंजयमान हो उठा. वही जगह जगह कांवरियों की सेवा में लगे शिविर द्वारा शीतल पेय जल तथा फल इत्यादी की व्यवस्था समाजसेवी संस्थाओं द्वारा किया गया.
इस दौरान हर हर महादेव के जयघोष से पूरा शहर गुंजयमान हो उठा. वही जगह जगह कांवरियों की सेवा में लगे शिविर द्वारा शीतल पेय जल तथा फल इत्यादी की व्यवस्था समाजसेवी संस्थाओं द्वारा किया गया.
लेकिन, आश्चर्य की बात यह रही कि कांवरियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं के लिए जिला प्रशासन का दावा पहले ही दिन फेल नजर आया. श्रावणी मेला और कांवड़ यात्रा को लेकर पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा रहा.
इस बीच प्रशासन की ओर से फोर लेन पर गोलंबर से लेकर ब्रह्मपुर तक कांवरियों की सुविधा के लिए एक लेन पर वाहनों का परिचालन रोकने का आदेश दिया गया था बावजूद इसके, रविवार की देर शाम जब कांवरिया रामरेखा घाट से जल भरकर ब्रह्मपुर के लिए पैदल निकले हुए थे तो इस दौरान प्रशासन की लापरवाही सामने आई.
इस बीच प्रशासन की ओर से फोर लेन पर गोलंबर से लेकर ब्रह्मपुर तक कांवरियों की सुविधा के लिए एक लेन पर वाहनों का परिचालन रोकने का आदेश दिया गया था बावजूद इसके, रविवार की देर शाम जब कांवरिया रामरेखा घाट से जल भरकर ब्रह्मपुर के लिए पैदल निकले हुए थे तो इस दौरान प्रशासन की लापरवाही सामने आई.
दरअसल, शाम के तकरीबन 6 बजे तक फोरलेन के दोनों लेनों पर वाहनों का परिचालन बिना किसी रोकटोक का जारी रहा. इस दौरान सड़क पर एक भी सिपाही नही दिखे जो कावंरियों के लिए एक लेन को सुरक्षित कर सकें. लिहाजा, कांवरियों का समूह फोरलेन के डिवाइडर पर चलने को मजबूर दिखा. हालांकि,इस सम्बंध में जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नही हो सका.
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