बक्सर । साबित खिदमत फाउंडेशन की ओर से निदेशक डॉ दिलशाद आलम ने मुहर्रम के मौके पर बकसड़ा निवासी ऐनुल मास्टर को सम्मानित किया. उन्होंने लगभग 40 वर्षों से सम्पूर्ण क्षेत्र में घूम-घूम कर सामाजिक कार्यों का निर्वाहन किया. कई बच्चों की मुसलमानी से लेकर कई अनाथों को गोद लिया. धनसोई, चौसा, बक्सर में मोहर्रम के अवसर पर जितने लोग घायल होते थे, उनकी मरहम पट्टी मुफ्त में करते थे. रोहतास में रहते हुए कई बार रक्त दान किया.
मोहर्रम के मौके पर हजरत हुसैन , हजरत अब्बास बिन अली, हजरत उमर बिन अली, हजरत कासिम, हजरत अली अकबर, हजरत अली असगर बिन हुसैन सहित 72 शहीदों की शहादत को याद करते हुए डॉक्टर दिलशाद ने कहा की ऐसे मौके पर इबादत रोजा रखा जाता है. इस मौके पर लाखों मुसलमानों को यह हिदायत दी जाती है कि उनको सब्र की रह पर चलना चाहिए. ऐसे में 2024 का कर्म योद्धा सम्मान एवं रक्तवीर सम्मान ऐनुल मिया को दिया गया.
डॉ दिलशाद ने कहा कि कई मौकों पर रोहतास में इन्होंने अपना रक्तदान किया ताकि लोगो की जान ना जाए. इस मौके पर सस्था के सचिव साबित रोहतास्वी, सहित मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के बिहार प्रदेश सचिव एवं हाल ही में दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित रोटरी के 2025 अध्यक्ष डॉ दिलशाद आलम भी मौजूद थे. अन्य सदस्यो में डॉ निसार अहमद, हसन अली, मनीष कुमार, नासिर हुसैन, इम्तियाज़ हुसैन, नसीम हुसैन, रुकसाना, अंजलि दमानिया, जोहरा, सकीना, केके पांडेय, मनीष, हरेंद्र, अरुण कुमार मौजूद थे.
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