बक्सर । चौसा में थर्मल पॉवर प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन और कम्पनी के खिलाफ नग्न धडंग प्रदर्शन किया।20 फरवरी से प्लांट के मुख्य गेट के पास धरना दे रहे सभी किसानो ने अपना अपना कपड़ा खोल अर्द्ध नग्न हो गए।उसके बाद गेट के पास खड़े होकर जमकर जिला प्रशासन और एसटीपीएल कम्पनी कें खीलाफ जमकर नारे बाजी कि गई।वही जिला प्रशासन द्वारा प्लांट के रास्ते में धारा 144 लगाने की सूचना पर किसानो ने भी अपने धरना स्थल पर धारा 288 का बैनर लगा दिया गया है।किसानो का कहना है की प्रशासन हमपर गोली चलवा दी बीना मांग पूरी हुए हम यहां से हटने वाले नही है।
गेट के पास खड़े किसान रामप्रवेश यादव ने कहा की कंपनी ने हमलोगो को नंगा कर दिया है। कम्पनी हमारा 1058 एकड़ जमीन ले लिया उसके बाद उसका उचित मुआवजा नहीं दिया।जो मुआवजा दिया भी गया उसमे लंबा चौड़ा घोटाला भ्रष्टाचार किया गया। आरएनआर पॉलिसी का जो पैसा है जो किसानो और किसानो के खेत में काम करने वाले मजदूरों को मिलने वाला है।उसको अभी तक नही दिया उसके लिए तारीख पर तारीख दिया जा रहा है।
बता दे की जैसे हीं जिलां प्रशासन द्वारा मुख्य सड़क से प्लांट पर जाने वाले रास्ते पर धारा 144 लगाने की सूचना मिली किसानो ने धरना स्थल के पास धारा 288 लागू है का बैनर लगा दिया।बता दे की पहली बार इसे 1988 भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने इस्तेमाल किया था।उसके 32 साल बाद दिल्ली के पास किसान आंदोलन के समय राकेश टिकैत ने इस्तेमाल किया था।अब चौसा के किसानो द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है। इसे जिला प्रशासन के धारा 144 का काट बताते हुए 288 लगा जिला प्रशासन और अपनी धरना के बीच में लकीर खींचने की बात कहा गया है।
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