बक्सर । डुमराँव नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत बनकट गांव के आहर की जमीन पर अतिक्रमण की वजह से घरों के गंदे पानी के निकास की योजना अधूरी रह गयी। नाली निर्माण अधूरा रहने के कारण घरों से निकलने वाला गंदा पानी प्राथमिक स्कूल के परिसर में जमा हो रहा है। बरसात के दिनों में स्कूल परिसर झील बन जाता है। 125 से अधिक बच्चे विद्यालय में नामांकित है। पहले यह गांव कुशलपुर पंचायत का हिस्सा था। नये परिसीमन में यह गांव नगर परिषद में शामिल हो गया है। लेकिन गांव के हालात में अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है।
सात निश्चय से चल रहा था कामः
कुशलपुर पंचायत के बनकट गांव में मुख्यमंत्री सात निश्चय से नाली निर्माण की योजना ली गयी थी। योजना संख्या 4/19-20 के तहत बनकट गांव के मुख्य सडक के दोनों तरफ नाली निर्माण का कार्य शुरु हुआ था। निर्माण कुल 10 लाख 66 हजार 500 की लागत से पूरा होना था। नाली निर्माण का काम शुरु तो हुआ। लेकिन स्कूल तक पहुंचने के पहले अतिक्रमण की बाधा सामने आ गयी। स्कूल तक पहुंचने के पहले निर्माण योजना पर ग्रहण लग गया। आहर की जमीन पर कई लोगों ने झोपडी बनाकर कब्जा जमा लिया है। अंचल प्रशासन से भी पंचायत को सकारात्मक सहयोग नहीं मिला।
पहले से बदतर हुई स्थिति:
नाला निर्माण अधूरा रहने के कारण घरों का गंदा पानी स्कूल के बगल में चारों ओर जमा हो जाता है। शिक्षक का कहना है कि बनकट प्राथमिक स्कूल में सवा सौ से अधिक बच्चे नामांकित है। बरसात के दिनों में पानी का निकास नहीं होने के कारण कैम्पस में पानी भर जाता है। जलजमाव के कारण बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। अब तो डस्टबिन भी स्कूल के बाहर रख दिया गया है। घरों का कचरा भी स्कूल के बाहर बिखरा रहता है। स्कूल परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र का भी संचालन होता है।
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