बक्सर । डुमरांव के बाल विकास परियोजना कार्यालय में पिछले कई दिनों से वितरण के इंतजार में दूध का पैकेट पडा हुआ है। दूध का यह पैकेट आंगनबाड़ी के बच्चों तक कब पहुंचेगा। इसका जवाब देने के बदले सीडीपीओ कार्यालय के कर्मी खामोश हो जाते है। सेविकाओं की हड़ताल के कारण पिछले 36 दिनों से आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को पोषाहार के लाभ से वंचित होना पड रहा है।
सेविकाओं की हडताल से ठप है केंद्र :
पांच सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल चल रही है। हड़ताल के कारण डुमरांव प्रखंड के कुल 230 आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला बंद है। आंगनबाड़ी के माध्यम से गरीब टोले के बच्चों को कुपोषण से बचाना है।आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्कूल पूर्व शिक्षा वाले चालीस बच्चों को पका हुआ पोषाहार देने का प्रावधान है। इन्हीं बच्चों को सप्ताह में एक दिन दूध भी दिया जाता है। हड़ताल के कारण 9 हजार 200 बच्चों को पिछले 36 दिनों से पोषाहार से वंचित होना पड रहा है।
सप्ताह में एक दिन मिलता है दूधः
आंगनबाड़ी केंद्रों को हर माह सुधा डेयरी के माध्यम से दूध की सप्लाई मिलती है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को पाउडर वाले दूध की सप्लाई बाल विकास कार्यालय से होती है। डुमरांव के सीडीपीओ कार्यालय में पिछले 17 अक्तूबर को दूध का खेप पहुंच गया।दूध का पैकेट वितरण के इंतजार में सीडीपीओ कार्यालय में पडा हुआ है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि दो माह का कुल 8 हजार 925 पैकेट दूध की सप्लाई मिल गई।हड़ताल के कारण वितरण ठप है।
खाते में पडा है अंडा व बादाम की राशि :
आंगनबाड़ी केंद्रों पर दूध के साथ अ़ंडा और मूंगफली देने का प्रावधान है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि सप्ताह में एक दिन दूध दिया जाता है। पोषाहार के तहत प्रत्येक शुक्रवार को 18 ग्राम सुधा दूध पाउडर में 150 एम एल पानी मिलाकर बच्चों को दिया जाता है। विभागीय सूत्रों ने बताया पोषाहार के तहत बच्चों को अंडा दिया जाता है।अंडा नहीं खाने वाले बच्चों को मूगंफली दी जाती है। इस मद में 5 लाख की राशि आईसीडीएस के खाते में पडा हुआ है। फिलहाल हक के लिए सेविकाएं हड़ताल पर है। सरकार और विभाग खामोश है और इसका खामियाजा आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे भुगत रहे है।
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