बक्सर । वासुदेवा ओपी के आथर गांव में दो सगे भाइयों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है। बिहारी ठाकुर का तो परिवार ही उजड़ गया। इकलौते बेटे के दो बेटे थे और दोनों एक साथ काल के गाल में समा गए। बच्चों की मां बदहवासी में है। बदनसीब बाप विदेश में है। हालांकि खबर मिलते ही वह गांव के लिए चल पड़ा।
आथर गांव निवासी बिहारी ठाकुर का इकलौता बेटा संतोष ठाकुर रोजी- रोटी के लिए ओमान में रहता है। उसकी शादी 2014 में दहीवर की कल्पना से हुई थी। दो बेटे हुए- शशि और युवराज । दोनों अभी छह और तीन साल के ही थे। बीते सोमवार की शाम मां से पैसे लेकर समोसा लाने के लिए घर से निकले। लेकिन काफी देर बाद भी नहीं लौटे। तब तक कुछ ही देर बाद दोनों भाइयों की लाश दरवाजे पर पहुंच गई। अपने जिगर के टुकड़ों का शव देख मां दहाड़े मारकर रोने लगी। वहीं बच्चों के दादा 65 वर्षीय बिहारी ठाकुर की आंखें भी लगातार बरस रही थीं। वे बार-बार एक ही बात कह रहे थे कि हमार त दुनिये उजरि गइल। वाकई उन्हें इकलौता बेटा है और उसके यही दो बेटे थे। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। बच्चों की मां की हालत देख हर किसी का कलेजा फट पड़ा।
आथर का रहने वाला बारह वर्षीय नीतीश कुमार रोज मछली मारने शाम को सिकरौल राजवाहा की ओर जाता है। बीते सोमवार की शाम भी वह वहां पहुंचा। इसी बीच उसने पानी में हाथ देखा फिर पानी में उतर हाथ खींचा तो पता चला कि इसमें बच्चे डूब गए हैं। इसके बाद दोनों भाइयों को निकाला गया और घटना की जानकारी परिजनों को हुई। यदि नीतीश के पहुंचने में कुछ और देर हुई होती तो अंधेरा हो जाने के चलते घटना की जानकारी मंगलवार की सुबह लाश बरामद होने के बाद होती।
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