बक्सर । कोरोना के बाद अब डेंगू के बढ़ते खतरे के बीच बकरी के दूध का डिमांड बढ़ने लगा है। खतरे से निपटने के लिए पहले से ही लोग पशुपालकों से संपर्क कर दूध की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में लगे हुए है। वही बकरी के दूध का आपूर्ति कम और डिमांड अधिक होने के कारण दूध का रेट आसमान छूने लगा है. डुमराँव प्रखंड इलाके में बकरी का दूध 500 प्रतिकिलो बिक रहा है. चिकित्सकों के मुताबिक डेंगू से आक्रांत होने के बाद प्लेटलेट्स कम होने लगता है। प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में बकरी का दूध काफी लाभदायक माना जाता है। कोरोना काल में एम्युनिटी कम होने पर चिकित्सकों ने बकरी का दूध सेवन करने की सलाह दी थी। उस समय गांव-गांव लोग बकरी के दूध के लिए भटक रहे थे। अब जब डेंगू का खतरा बढ़ा, तो लोग बकरी के दूध की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए पशुपालकों से संपर्क साध रहे है। नया भोजपुर के मो. अहमद ने बताया कि पांच बकरी का पालन कर रहे है। लोग अभी से संपर्क कर रहे है। कोरोना के बाद बकरी के दूध का डिमांड बढ़ने के साथ बकरी पालन के प्रति लोगों की रुचि बढ़ गई है.
बकरी के दूध का उत्पादन कम और डिमांड अधिक होने से महंगा बिक रहा है। डुमरांव के मो. जाबिर ने बताया कि अभी बकरी का दूध 500 रुपये लीटर बिक रहा है। डिमांड के अनुसार भाव में उतार चढ़ाव होता रहता है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग डाभ और कीवी का इस्तेमाल अधिक कर रहे है। आर्युवेद चिकित्सक डा. हेसामुद्दीन ने बताया कि डेंगू पीड़ितों के लिए बकरी का दूध काफी लाभदायक होता है। खट्टे फल का भी सेवन करना फायदेमंद है।
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