Ad Code


गजब: जिस थानेदार का ब्रह्मपुर में रहा विवादों से गहरा नाता,उसी के हाथों सौंपी गई अति संवेदनशील मुफ्फसिल थाने की कमान,मध्य रात्रि किसान परिवारों पर पुलिस की तालिबानी टॉर्चर से ग्रामीण हुए उग्र



(बक्सर ऑनलाइन न्यूज):-  इनदिनों बक्सर पुलिस की बर्बरता के कारण पिछले दो दिनों से चौसा सुर्खियों में बना हुआ है। मंगलवार की देर रात मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बनारपुर गाँव में घुसकर वर्दीधारियों ने किसानों के महिलाओं व बच्चे बुजुर्गों के साथ खूब तांडव किया। वही मध्य रात्रि अचानक किसान परिवारों का तालिबानी टॉर्चर का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने से पुलिस का अमानवीय चेहरा बेनकाब हो गया। जिसके बाद आसपास के दर्जनों गांवों के किसान पुलिस की गुंडागर्दी से आक्रोशित होकर बुधवार की अहले सुबह उग्र हो गए। 

किसानों का आरोप है कि एसजेवीएन कम्पनी के अधिकारियों के इशारे पर पुलिस वालों ने किसानों के घरों में घुसकर रात में सो रहे परिजनों के साथ बर्बरता की थी। जिसके बाद किसान उग्र हो कर आगजनी कर अपना आक्रोश जताया। वही घटना के बाद डीआईजी एनसी झा के आदेश पर एसपी मनीष कुमार ने मुफस्सिल थाना के थानेदार अमित कुमार को तत्काल प्रभाव से लाइन क्लोज कर दिया गया। वही उनके स्थान पर ब्रह्मपुर के पूर्व थानेदार निर्मल कुमार को इस थाने का कमान दिया। निर्मल कुमार के थानेदार बनने की खबर से पुलिसिंग पर फिर से सवाल खड़े हो गए। दरअसल, यह वही पुलिस अधिकारी है जिनका ब्रह्मपुर में बतौर थानेदार कार्यकाल विवादों में रहा।

 गौरतलब हो की थानेदार निर्मल कुमार दास पर लुटेरों की बाइक छोड़ने का भी आरोप लगा था जिसमे एसपी के आदेश पर प्रशिक्षु अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सह नावानगर थानाध्यक्ष अमरनाथ के द्वारा इस मामले की जांच भी की गई थी। मामला 11 अगस्त 2021 का है। जिसमें आवेदक मिथिलेश चौधरी द्वारा ब्रह्मपुर थाने में एक आवेदन दिया गया। जिसमें उन्होंने जिक्र किया था कि डेयरी से दूध देकर आने के क्रम में कपूरपुर चिमनी के पास अपाचे बाइक पर सवार 3 लोगों ने तमंचा दिखाकर मेरा मोबाइल छीन ली। हो हल्ला करने पर कुछ ग्रामीणों ने पीछा किया तो आगे बाढ़ का पानी होने के कारण लुटेरे अपनी बाइक छोड़कर भाग गए। पुलिस ने उस बाइक को मौके से जब्त भी किया। लेकिन अगले ही दिन उसे छोड़ दिया गया। इस संबंध में गांव के ग्रामीणों सहित पूर्व बीडीसी राकेश कुमार सिंह ने एसपी को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की थी। जिसपर संज्ञान लेते हुए एसपी महोदय ने 2 सितंबर को जारीपत्र में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सह नावानगर थानाप्रभारी अमरनाथ को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही। जांच के क्रम में मामला सही निकला। उसके बाद इन्हें एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था। लेकिन नए एसपी ने इन्हें मुफस्सिल थाने की कमान दे दी है।

 इधर, सोशल मीडिया में खबरें दिखाए जाने पर मुख्यालय एसडीपीओ ने कई पत्रकारों को पुलिस ग्रुप से रिमूव कर दिया। इससे पत्रकारों में रोष है। पत्रकारों का मानना है कि बक्सर पुलिस अपने किये का पश्चाताप न कर के बौखलाहट में कुछ भी कर रही है।

वही हिंसात्मक घटना के बाद चौसा में राजनेताओं का जमघट लगना शुरू हो गया है। इसपर सामाजिक कार्यकर्ता सोवा गांव निवासी सुधीर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार ढाई महीने से किसान आंदोलन कर रहे थे तो उस समय कोई राजनेता किसानों की सुध लेने नही पहुँचे अब उन्हें राजनीतिक रोटी सेकनी है तो किसान याद आ रहे है।




................. ................. ............... ..............
Send us news at: buxaronlinenews@gmail.com
ख़बरें भेजें और हम पहुंचाएंगे, 
आपकी खबर को सही जगह तक...







 

Post a Comment

0 Comments

Close Menu