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शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को डोर टू डोर जाकर पोलियो की खुराक पिलायी जाएगी : डीआईओ




- जिले में पल्स पोलियो अभियान की तैयारी शुरू, आशा फैसिलिटटेर को दिया गया प्रशिक्षण
- डब्ल्यूएचओ एवं यूनीसेफ के द्वारा की जाएगी अभियान की प्रखंडवार मॉनिटरिंग 

बक्सर | जिले में पोलियो से शिशुओं व बच्चों को बचाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इस क्रम में शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा फैसिलिटेटर का उन्मुखीकरण किया गया। जिसमें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह के साथ डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि प्रशांत केशरी ने आशा फैसिलिटेटर को पोलियो अभियान को लेकर जानकारी दी। इस क्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने आशाओं को बताया कि पड़ाेसी देश में पोलियो के नए मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्देश पर पल्स पोलियो अभियान चलाने की सलाह दी गई है। इस क्रम में तिथि का निर्धारण नहीं हुआ है। संभवत: सितंबर के तीसरे सप्ताह में इसकी शुरुआत की जाएगी। राज्य स्वास्थ्य समिति ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। गाइडलाइन्स जारी होते ही सभी प्रखंडों में पोलियो की दवा उपलब्ध करा दी जाएगी। जिसके लिए सभी एमओआईसी अपने स्तर से पूर्व में ही माइक्रोप्लान तैयार करा लेंगे। ताकि, इस पल्स स  पोलियो अभियान में एक भी लाभुक बच्चा न छूटे। इस दौरान बीईई मनोज चौधरी, स्वच्छता निरीक्षक नसीम आलम, यूनिसेफ के प्रतिनिधि आलोक कुमार, पारा मेडिकल वर्कर नागेशदत्त पांडेय उपस्थित रहे ।
टीकाकर्मियों का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण करना अनिवार्य :
डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, अभियान के तहत शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को डोर टू डोर जाकर पोलियो की खुराक पिलायी जाएगी। इसके अलावा बस पड़ाव, चौक चौराहों व बाजारों आदि जगहों पर प्रशिक्षित टीका कर्मियों द्वारा वहां से गुजरने वाले सभी लक्षित बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायी जाएगी। अभियान के लिए प्रखंड स्तर पर टीम गठित जाएगी। हाउस टू हाउस टीम, मोबाइल टीम, चौक चौराहों के लिए टीम का गठन किया जाएगा। टीम के सभी सदस्य अपने क्षेत्रों में कार्यक्रम की सफलता में भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि टीकाकर्मियों का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण करने के लिए निर्देशित किया गया है। कार्यरत टीकाकर्मियों एवं पर्यवेक्षकों का शतप्रतिशत प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना है। साथ ही, ट्रांजिट स्थलों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक चौराहों आदि पर प्रशिक्षित टीकाकर्मियों को नियुक्त कर लक्षित बच्चों को पोलियो की खुराक देना जरूरी है।
पांच साल तक के बच्चों की लाइन लिस्टिंग करेंगी आशा :
डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि नौनिहालों की जिंदगी सुरक्षित व स्वस्थ बनाने की जितना सरकार तत्पर है उतना ही जागरूक माता-पिता को भी होना चाहिए। कोई भी बच्चा अपंगता का शिकार न हो, इसे ले समय-समय पर अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग पोलियो की दवा उनके घर तक पिलाने का कार्य कर रहा है। अभियान को सफल बनाने में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। शहरी मलिन बस्ती, अल्पसेवित समुदाय, ईंट भट्टा, घुमंतु बंजारा इत्यादि को विशेष रूप से अभियान का लाभ देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के पूर्व सभी आशा कर्मी अपने अपने संबंधित वार्डों में सर्वे कर शून्य से पांच साल तक के बच्चों की लाइन लिस्टिंग कर लेंगी। अभियान के दौरान प्रतिदिन शाम को समीक्षा की जाएगी। साथ ही, डब्लूएचओ एवं यूनीसेफ के द्वारा अभियान की मॉनिटरिंग की जाएगी।

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