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आशाओं ने सीखे आपदा में लोगों की मदद और प्रबंधन के गुर- jila




- जिला स्वास्थ्य विभाग और पाथ के सौजन्य से आशा फैसिलिटेटर  को दिया गया प्रशिक्षण
- आशा कार्यकर्ताओं को सीपीआर, सांप काटने के बाद प्रबंधन आदि की दी गई जानकारी

बक्सर | आपदा प्रबंधन को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन शनिवार को हुआ। जिसमें जिला स्वास्थ्य समिति और सहयोगी संस्थान पाथ (प्रोग्राम फॉर एप्रोप्रियेट टेक्नोलॉजी इन हेल्थ) के सौजन्य से जिले की आशा फैसिलिटेटर  को आपदा प्रबंधन की जानकारी दी गई । जिसमें बाढ़, भूकंप आदि जैसी आपदाओं के दौरान लोगों की मदद करने और उनकी देखभाल के संबंध में डेमो देकर और पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई। आशा कार्यकर्ताओं को आपदा के दौरान  गंभीर मरीजों की देखभाल, आपदा में घायल लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं, सीपीआर, टूटी हड्डी का प्रबंधन, सांस लेने में दिक्कत समेत अन्य विषयों पर किस तरह उपचार करने के संबंध में विस्तार से बताया गया। साथ ही, अन्य तकनीकी विषयों पर भी चर्चा की गई। प्रशिक्षण में पाथ के स्टेट प्रोग्राम कॉर्डिनेटर अरुण कुमार व नॉलेज मैनेजमेंट के राकेश श्रीवास्तव, मेथोडिस्ट हॉस्पिटल के डॉ. मनीष कुमार के अलावा डीसीएम संतोष कुमार व कड़सर सीएचओ प्रियंका  कुमारी ने आशाओं को प्रशिक्षित किया।  
बच्चों और व्यस्कों को सीपीआर देने की बताई गई विधि :
पाथ के राकेश श्रीवास्तव ने आशाओं को आपदा के दौरान सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने की जानकारी दी। जिसमें बताया गया कि बच्चों और व्यस्कों को सीपीआर देने के अलग-अलग तरीके हैं। व्यस्कों को सीपीआर दो तरीकों से दे सकते हैं। जिसमें सबसे पहले व्यक्ति को सबसे सीधा लिटा दें। ध्यान रखें कि शरीर का कोई अंग मुड़ा न हो। उसके बाद हाथों की हथेलियों को एक दूसरे के ऊपर रखते हुए सीने को दबाएं। सीने पर प्रेशर डालने के दौरान ध्यान रखें कि दो या ढ़ाई इंच से ज्यादा दवाब ना डालें। दूसरी विधि में हाथों के अलावा आप मुंह से भी सीपीआर दे सकते हैं। मुंह से सीपीआर देने के दौरान मरीज को मुंह से सीपीआर देने वाले व्यक्ति को अपना मुंह इस प्रकार लॉक करना होगा, जिससे माउथ टू माउथ ऑक्सीजन सप्लाई ठीक तरह से हो सके। उसके बाद मरीज  को मुंह से ऑक्सीजन  देना शुरू करें। इन दो अलग-अलग तरीकों से वयस्कों को सीपीआर दिया जा सकता है।
सांप काटने के बाद प्रबंधन बेहद जरूरी :
मेथोडिस्ट हॉस्पिटल के डॉ. मनीष कुमार ने सांप काटने के समय की जाने वाली प्रबंधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सांप अगर काट ले तो कोशिश करें की जिस जगह पर काटा है, शरीर का वह हिस्सा बिल्कुल भी ना हिले। जहां काटा है, उस जगह पर बीटाडीन या फिर स्क्रब सोल्यूशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि अगर ब्लीडिंग हो रही है, तो उसे हो जाने दें और बाद में इन चीजों का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि जल्दी-से-जल्दी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में जाने से आपको यह पता चलेगा की घाव कितना गहरा है। वहीं, सीएचओ प्रियंका कुमारी ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जनआरोग्य समिति के संबंध में आशाओं को बताया कि  सभी लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है। जिसमें एचडब्ल्यूसी पर आयुष्मान भारत- जन आरोग्य समिति का गठन किया जाना है। जिसमें स्थानीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को जोड़कर सुविधाओं के अंतर्गत आने वाली समस्याओं को उठाया जाएगा और उनका निष्पादन पंचायत स्तर से कराने की कवायद की जाएगी।

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