- जिले में शुरू हुआ सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, चलेगा विशेष अभियान
- 2 लाख 78 हजार बच्चों को दिया जायेगा ओआरएस के पैकेट
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज):- जिले में दस्त के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरुआत की गई है। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलामुख्यालय स्थित शहरी पीसीएच से किया गया। जहां पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाया गया। साथ ही, बच्चों के परिजनों को दस्त के संबंध में विस्तार से बताया गया। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विंध्याचल सिंह ने बताया कि इस पखवाड़ा का उद्देश्य दस्त के कारण होने वाली शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना है। डायरिया से होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा, दस्त आमतौर पर छोटे उम्र के बच्चों के लिये जानलेवा साबित हो सकता है। इस दौरान यूनिसेफ की एसएमसी शगुफ्ता जमील, बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह, पीएमडब्लयू नागेश दत्त पांडेय के अलावा एएनएम और लाभुक बच्चे व उनके परिजन मौजूद रहे।
15 से 30 जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, लोगों को दस्त व उसके नियंत्रण के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए जिले के 2 लाख 78 हजार बच्चों को चिह्नित किया गया है। दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान लोगों को दस्त की रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक का प्रयोग, दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज के पहलुओं की भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया, ओआरएस का घोल व जिंक की गोली दस्त का एक मात्र उपचार है। उन्होंने कहा बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करना, समुदाय स्तर पर ओआरएस व जिंक की उपलब्धता व इसके उपयोग का बढ़ावा देना अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
दस्त से ग्रसित बच्चों को ओआरएस के साथ मिलेगा जिंक टैबलेट :
डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर पांच वर्ष आयु तक के बच्चों को एक-एक पैकेट ओआरएस वितरण करेंगी। यदि इस बीच उन्हें दस्त से ग्रसित बच्चा मिलता है, तो उसे दो ओआरएस एवं 14 दिन डोज के लिए जिंक का टैबलेट देंगी। लक्षण गंभीर पाए जाने पर उक्त बच्चे को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों को इसके इस्तेमाल व होने वाले लाभ के प्रति जागरूक करेंगी। साथ ही, दस्त व इसके बाद बच्चों को उम्र के हिसाब से स्तनपान व ऊपरी आहार जारी रखने की जानकारी देंगी। लोगों को बताया जाएगा कि स्वच्छ पेयजल का उपयोग दस्त से बचाव के लिये जरूरी है। खाना बनाने व बच्चे के संपर्क में आने से पूर्व हाथों की सफाई व स्वच्छता संबंधी अन्य उपायों पर सख्ती बरतनी चाहिए। खुले में शौच से परहेज करना चाहिए।
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