- मावनता और इंसानियत को बचाने के लिये सभी को आगे आकर लेना चाहिये कोविड का टीका
- बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं के डर को समाप्त करने के लिये घर के बच्चे और लोग दूर करें उनका डर
(बक्सर):- अमूमन जब भी देश में बड़ी समस्या और आपदा आती है, तो सभी धर्म और वर्ग एक होकर उसका सामना करते हैं। वहीं, जब बात इंसान और इंसानियत को बचाने की हो, तो न मजहब दिवार बनती और न ही धर्म। उक्त बातें सिमरी प्रखंड के स्थानीय निवासी अतहर रज़ा की है। जो कोविड-19 के वैक्सीनेशन अभियान की राह में उत्पन्न हो रही बाधाओं के संबंध में जानकारी दे रहे हैं। अतहर रज़ा पेशे से शिक्षक होने के साथ-साथ इस्लाम के प्रचारक भी हैं। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद जिले में लॉकडाउन के दौरान सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर गरीब और असहायों की मदद में जुट गये। जो हमारी गंगा-जमुना संस्कृति को साफ दर्शा रही थी। लेकिन, हम लोगों को यह भी समझना होगा कि समाज को कोरोना से बचाने के लिये हम सबका सुरक्षित होता जरूरी है। यहां एक-एक व्यक्ति, एक-एक धर्म और एक-एक वर्ग से समाज बनता है। इसलिये समाज को बचाने के लिये हमसभी को कोरोना का टीका लेना अनिवार्य है।
पहले लोग जानकारी के अभाव में टीका लेने से डरते थे :
अतहर रज़ा ने बताया, लगभग दो साल पहले जब जिले में कोरोना का संक्रमण फैला, तो आननफानन में सरकार व जिला प्रशासन ने लॉकडाउन जारी कर दिया। हर बीमारी सबके लिये नई थी। जो इस संक्रमण के बारे में पढ़ते और समझते थे, वो इससे बचाव को लेकर जागरूक थे। लेकिन, जिनके पास जानकारी का अभाव था, उनके लिये मुश्किलें पग-पग पर थी। लेकिन जब इसकी वैक्सीन जिले में लोगों को पड़ने लगी, तो उस समय भी वही स्थिति देखी गई। जो लोग इसको लेकर जागरूक थे, उन्होंने टीका ले लिया और जो भ्रांतियों व अफवाहों के चक्कर में पड़े उन्होंने टीका लेने से मना कर दिया। उन्होंने बताया, पहले लोग जानकारी के अभाव में टीका लेने से डरते थे। अब स्थिति यह है कि जिले के सभी प्रखंडों में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान को देखते हुये लोगों में जागरूकता बढ़ गई है।
गर्भवती व बुजुर्ग महिलायें अनिवार्य रूप से ले कोरोना का टीका :
अतहर रज़ा ने बताया, जिले में जो व्यापक स्तर पर टीकाकरण के लिये अभियान चलाये जा रहे हैं, उसमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन, ऐसी भी सूचना आ रही है कि ग्रामीण व सुदूर इलाकों में रहने वाली बुजुर्ग व गर्भवती महिलायें टीका लेने से मना कर रही है। जो सरासर गलत है। ऐसी महिलाओं में जानकारी का अभाव है। इसके लिये उनके घरों के पढ़े-लिखे लोग और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे उनको प्रेरित करें। उन्हें वैज्ञानिक व सामाजिक दोनों माध्यमों से टीके के फायदों के बारे में समझायें। जिससे उनके अंदर का डर समाप्त हो सकेगा। उन्होंने बताया, किसी भी धर्म में मानवता को बचाने की बात कही जाती है। आज जब मानवता को बचाने के लिये हम सभी को टीका लेना है, तो उसमें आगे-आकर अपना फर्ज निभाना चाहिये। तभी हम जिले को कोरोना के संभावित प्रभाव की चपेट में आने से बचा सकते हैं।
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