(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- पिछले एक माह से उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जनपद के ऊंचाडीह स्थित नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में बक्सर के महान संत परम ज्ञानी बाल ब्रह्मचारी गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी के द्वारा अपने चतुर्मास के दौरान श्रद्धालुओं को प्रतिदिन श्रीमद भागवत ज्ञान कथा का अमृतपान कराया जा रहा है। बीते दिन कथा में कथावाचक गंगापुत्र ने कहा कि दुर्योधन के फटकारने पर विदुर जैसे महात्मा को राज्य से निकलने का आदेश दिया और विदुर जी के निकलते ही कौरवों का पुण्य ही चला गया ,सारे तीर्थो का दर्शन करते हुए,जब यमुना किनारे पहुंचे तो उद्धव जी से मिलन हुआ,सारे संबंधी के बारे में समाचार पूछा है,उद्धव जी ने कहा विदुर ये संसार भाग्य हीन है,अभागा है, कितना सौभाग्य था इस जगत का,नित्य भगवान श्री कृष्ण अपने परिकारो के साथ इस धरा धाम को कृतार्थ करने के लिए,अपने चरण रज से पवित्र करने के लिए 125वर्षो तक रहे, फिर भी संसार इनसे प्रेम नही कर पाया,इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है,यदुवंशी तो स्वयं नजदीक थे,तो भाई,भतीजा,भांजा, समझते रह गए,सबसे बड़े दुर्भागी ये यादव है,इन्ही के कुल खानदान में आए और ये नही पहचान पाए,
दुर्भगो वत लोकोयम यदवो नितरामपी।
कैसे जैसे मछलियां चंद्रमा को नही पहचान पाई,जब तक समुद्र में रहे तब तक अपने जैसा जलीय जीव समझती रही ,समुद्र मंथन से जब निकल कर चले गए तब मछलियां सोचने लगी एक बार चाट ली होती तो अमर हो जाती, वही स्थिति भगवान के साथ भी है , वही संतो के साथ भी है ,हम भी अपने जैसा महात्माओं को भी समझ लेते है,लेकिन जितने विरक्त संन्यासी है सब भगवत विग्रह है,अमृतस्य पुत्रा:। इसीलिए संत में भगवंत में निरंतर अंत नही।
कथा श्रोताओं में कृष्णानंद राय, विजय बहादुर राय, अरुण राय ,अजय राय ,सनत कुमार राय ,सुमंत पांडे ,सुभाष पांडे ,सत्यनारायण राय, दिनेश राय ,प्रेम प्रकाश राय, रजनीश राय ,वीरेंद्र राय ,मार्कंडेय राय ,रोजगार सेवक,अभय लाल ,प्रधान,शिवानंद यादव,घर भरण वर्मा सहित सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हैं।
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