(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- एक तरफ जहाँ पूरा देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है वही वायरस के कारण थमते सासों को बचाने के लिए जहाँ ऑक्सीजन सिलेंडर की लोगों को सख्त जरूरत है तो कुछ पत्थर दिल इंसान इस विकट परिस्थितियों में भी जरूरतमंदों से ऑक्सीजन सिलेंडर के बदले मोटी रकम वसूल करने की फिराक में इंसानियत के दुश्मन बन बैठे हैं।
ऑक्सीजन सिलेंडर के कालाबाजारी से जुड़ा एक मामला डुमराँव से आ रहा है। जिसका खुलासा तब हुआ जब इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी डुमराँव शाखा के सचिव मोहन गुप्ता के बेटे रौशन गुप्ता के द्वारा अपने ही पिता के सामाजिक कार्यो पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए एक भावनात्मक पोस्ट रेडक्रॉस के वाट्सएप ग्रुप में किया गया। अब यह मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा है। बता दें कि इस वायरल मैसेज में रेडक्रॉस सचिव मोहन गुप्ता के पुत्र रौशन गुप्ता ने कहा है कि आज उसके ऑफिस के स्टाफ के बहन की तबियत खराब होने के कारण उसको ऑक्सीजन सिलेंडर की सख्त जरूरत पड़ी। जिसके बाद उसने अपने पिता को सिलेंडर जुगाड़ कराने की बात कही। इस दौरान रोटरी क्लब के अधीन आने वाले डुमराँव स्थित जगदीश आई हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रदीप जैसवाल के द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर के बदले मोहन गुप्ता से सेकरूटी के तौर पर दस हजार रुपये की मांग कर दी गई। वायरल मैसेज के अनुसार जरूरतमंद को ऑक्सीजन सिलेंडर जगदीश आई हॉस्पिटल के द्वारा तो नही दिया गया। हालांकि, काली मंदिर समिति के अध्यक्ष भगवान जी के द्वारा मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया।
वही इस घटना के बाद पोस्टकर्ता रौशन गुप्ता भावनाओं में बहकर अपने ही पिता के सामाजिक कार्यो के ऊपर प्रश्न उठा कर उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया। रौशन ने साफतौर पर लिखा है कि उसने अपने पिता से बोला है कि "आप ऐसे संस्था का फीता काट रहे हैं जो मजबूरी में आपसे सिस्टम की बात करते है और आपका कोई वैल्यू नही और 10000 रु देने के बाद ही सिलेंडर मिलेगा,वैसे संस्था और वैसे लोगो से दूर रहिए ,दान शब्द जहाँ होता है वहाँ पैसा का नाम नही आता है".
वही इस मामले में जब इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन डॉ आशुतोष सिंह से पूछा गया कि आपके ही रेडक्रॉस पदाधिकारी मोहन गुप्ता के ऊपर उनके अपने बेटे ने सामाजिक कार्यो पर सवाल खड़े की है तो जवाब में डॉ आशुतोष सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी हर किसी को है. वायरल मैसेज का मामला सामने आने के बाद उन्होंने इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए रौशन गुप्ता से फोन पर बातचीत कर पूरा मामला जानने की कोशिश की है। चूंकि, विषय रेडक्रॉस के सचिव से जुड़ी हुई है इसलिए बतौर रेडक्रॉस चेयरमैन होने के नाते वे इसकी समीक्षा खुद करनेवाले है। हालांकि,उन्होंने कहा कि अभी उनकी बात केवल रौशन गुप्ता से ही हुई है सचिव मोहन गुप्ता से बात नहीं हो पाई। फिलहाल, डॉ आशुतोष सिंह ने कहा कि बिना सबकुछ जाने समझे वे कुछ कह नही सकतें।
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