बक्सर । विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर गुरुवार को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यकर्ताओं ने ब्रह्मपुर प्रखंड अंतर्गत उधूरा स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में छात्र-छात्राओं व आचार्यों के साथ मिलकर प्रकृति वंदन दिवस मनाया। इस अवसर पर औषधीय पौधा अमलतास का रोपण किया गया। इसके बाद विद्यालय प्रांगण में आम के वृक्ष का पूजन-अर्चन और आरती कर प्रकृति के प्रति आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण संरक्षण गतिविधि दक्षिण बिहार के पेड़ उपक्रम सह प्रमुख नित्यानंद ओझा ने किया।
पेड़ उपक्रम प्रमुख रमेश कुमार सुदामा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण सदैव धार्मिक कर्तव्य माना गया है। हम पत्थर, पहाड़, नदी, चांद, सूर्य, ग्रह-नक्षत्र, पवन, आकाश, वृक्ष, गाय, नाग, बंदर सहित अनेक प्राकृतिक तत्वों की पूजा करते हैं। यह हमारे संस्कारों में रचा-बसा है, जिसे पुनः जागृत करने के उद्देश्य से प्रकृति वंदन दिवस मनाया जा रहा है।
वहीं जन संवाद सह प्रमुख शैलेश कुमार ओझा ने कहा कि जैसे भगवान भोलेनाथ ने समुद्र मंथन से निकले विष को पीकर सृष्टि की रक्षा की थी, उसी प्रकार वृक्ष भी जहरीली हवाओं को सोखकर हमें सुरक्षित रखते हैं। पेड़, नदियाँ और पशु पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर प्रकृति की रक्षा नहीं की गई तो प्रदूषण, जल संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर समस्याएँ सामने आएंगी।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रमा तिवारी, आचार्य राजेश राय, ललन तिवारी, पुजारी जगदीश बाबा, विशाल सिंह, आनंद शर्मा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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