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बाढ़ का कहर: चौसा-मोहनिया मुख्य पथ पर चढ़ा तीन फीट पानी, यातायात पूर्णतः बाधित, कई घरों में घुसा बाढ़ का पानी



बक्सर । गंगा और कर्मनाशा के बढ़ते जलस्तर से चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव में बाढ़ की स्थिति दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है। अब तक सुरक्षित माने जा रहे क्षेत्र भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। कर्मनाशा का पानी तेजी से फैलते हुए बनारपुर के नए हिस्से तक पहुंच गया।

जहा वार्ड 12 दलित टोले में पानी पहुंचने दर्जनों घरों को बाढ़ ने आगोश में ले लिया है। जिससे रहने वाले लोग घर, डेरा छोड़ अंबेडकर भवन में शरण लिए हुए, पानी बढ़ने के साथ वार्ड नौ व 12 की  स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।


तीन फीट पानी में डूबा मुख्य मार्ग, यातायात बंद

चौसा-मोहनिया मुख्य पथ पर कर्मनाशा नदी का पानी चढ़ गया है। करीब तीन फीट तक पानी भर जाने से प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से सड़क पर बैरिकेटिंग कर वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है। इससे चौसा और मोहनिया के बीच संपर्क पूरी तरह ठप हो गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रास्ते में दोनों ओर बेरिकेड्स लगा दिए हैं ताकि कोई दुर्घटना न हो।


दलित बस्ती में समाया पानी, घर छोड़ने को मजबूर लोग

बनारपुर गांव में बाढ़ ने पहले वार्ड नौ अतिपिछड़ा बस्ती को आगोश लिया। अब दलित बस्ती को भी आगोश में ले लिया। जिससे दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी समा चुका है। 



पीड़ितों में श्यामबिहारी राम, बबन राम, लाल बिहारी राम, जीतन राम, रामचंद्र राम, रामदुलार, भूखन, सुखारी, सुखन, जोगिंदर, बृज बिहारी राम सहित कई परिवार शामिल हैं, जो अब घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। घरों के अंदर पानी घुसने से दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोग खाने-पीने जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए परेशान हैं।

अंबेडकर भवन बना शरणस्थली, मवेशियों के लिए भी व्यवस्था

ग्रामीणों के लिए अंबेडकर भवन अब आश्रय स्थल बन चुका है। पीड़ित परिवारों ने वहीं डेरा डाल रखा है, जबकि भवन परिसर में मवेशियों को भी रखा गया है। प्रशासन की ओर से राहत व्यवस्था सीमित रूप में की जा रही है। अंचलाधिकारी (सीओ) उद्धव मिश्रा ने प्रभावित इलाके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।





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